“गंगा मशाल” ने 8 नवंबर 2021 को औपचारिक रूप से उत्तराखंड के ऋषिकेश और हरिद्वार से अपनी यात्रा शुरू कर दी है। गंगा मशाल गंगा नदी के किनारे स्थित कुल 23 स्टेशनों से होकर गुजरेगी, जो स्थानीय लोगों और नमामि गंगे के स्वयंसेवकों को जागरूक करने में मदद करेगी।
- जिला प्रशासन के साथ-साथ गंगा विचार मंच, गंगा दूत (एनवाईकेएस), गंगा प्रहरी, गंगा मित्र जैसे संगठनों के स्वयंसेवक भी पश्चिम बंगाल में गंगा सागर तक गंगा मशाल ले जा रहे गंगा कार्य बल (जीटीएफ) के बहादुर जवानों की मदद करेंगे।
- गंगा मशाल को नई दिल्ली से गंगा उत्सव के अंतिम दिन यानी 3 नवंबर 2021 को झंडी दिखाई गयी थी .
- गंगा नदी को ‘राष्ट्रीय नदी’ के रूप में घोषित करने की वर्षगांठ (यानी 4 नवंबर) पर स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी) हर साल गंगा उत्सव मनाता है। उत्सव (त्योहार) का उद्देश्य हितधारकों के जुड़ाव को बढ़ावा देना और स्वच्छ गंगा के लिए सार्वजनिक भागीदारी सुनिश्चित करना है।
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