केंद्र सरकार ने 20 मई 2020 को योग्य एमएसएमई और इच्छुक मुद्रा कर्जदारों को तीन लाख करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त फंडिंग के लिए ‘आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना’ (Emergency Credit Line Guarantee Scheme : ECLGS) को मंजूरी दी। योजना के तहत, राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) द्वारा योग्य एमएसएमई और इच्छुक कर्जदारों को गारंटी युक्त आपातकालीन क्रेडिट लाइन सुविधा के रुप में तीन लाख रुपये तक की अतिरिक्त फंडिंग के लिए 100 फीसदी गारंटी कवरेज उपलब्ध कराई जाएगी। इस उद्देश्य के लिए भारत सरकार द्वारा मौजूदा और अगले तीन वित्तीय वर्षों के लिए 41,600 करोड़ रुपय की राशि उपलब्ध कराई जाएगी। कैबिनेट ने यह भी मंज़ूरी दी कि यह योजना जीईसीएल सुविधा के तहत इस योजना की घोषणा की तारीख से लेकर 31.10.2020 की अवधि में स्वीकृत सभी कर्जों या जीईसीएल के तहत 3,00,000 करोड़ रुपये तक की कर्ज राशि की स्वीकृति, इनमें से जो पहले हो, पर लागू होगी।
योजना प्रमुख विशेषताएं
- योजना के तहत जीईसीएल फंडिंग के लिए वे सभी एमएसएमई योग्य होंगे जिनका बकाया ऋण 29.02.2020 को 25 करोड़ रुपये तक जो इस तारीख तक पिछले 60 दिनों तक या उससे कम दिनों तक बकाया यानी नियमित एसएमए 0 और एसएमए 1 खातों या जिनका एक करोड़ रुपये का वार्षिक कारोबार हो।
- योग्य एमएसएमई कर्जदारों को जीईसीएल फंडिंग की राशि या तो अतिरिक्त सक्रिय पूंजी मियादी ऋण (बैंकों और वित्तीय संस्थानों के मामले में) या मियादी ऋण (एनबीएफसी के मामले में) के रुप में उनके 29 फरवरी, 2020 को 25 करोड़ रुपये तक की कुल बकाया राशि का 20 फीसदी ही होगी।
- ईसीएलजीएस के तहत जीईसीएल के जरिए की जाने वाली पूरी फंडिंग एनसीजीटीसी द्वारा सदस्य ऋणदात्री संस्थाओं को 100 फीसदी क्रेडिट गारंटी के साथ होगी।
- योजना के तहत ऋण की अवधि 4 साल होगी और इसकी अधिस्थगन अवधि मूलधन पर एक साल होगी।
- योजना के तहत एनसीजीटीसी द्वारा सदस्य ऋणदाता संस्थानों से कोई भी गारंटी राशि नहीं ली जाएगी।
पृष्ठभूमि
- आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) को कोविड-19 और इसके बाद लॉकडाउन की वजह से बनी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के एक निर्दिष्ट उपाय के रुप में बनाया गया है। इससे एमएसएमई सेक्टर में विनिर्माण और अन्य गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
- इस योजना का उद्देश्य आर्थिक परेशानी झेल रही एमएसएमई को पूरी गारंटी युक्त आपातकालीन क्रेडिट लाइन के रुप में तीन लाख करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त फंडिंग उपलब्ध कराते हुए उन्हें राहत दिलाना है।
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य सदस्य ऋणदात्री संस्थाओं यानी बैंकों, वित्तीय संस्थानों (एफआई), और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (एनबीएफसी) को कोविड-19 संकट की वजह से आर्थिक तंगी झेल रहे एमएसएमई कर्जदारों को देने के लिए उनके पास अतिरिक्त फंडिंग सुविधा की उपलब्धता बढ़ाना है। उन्हें कर्जदारों द्वारा जीईसीएल फंडिंग का पुनर्भुगतान नहीं किए जाने की वजह से होने वाले किसी नुकसान के लिए 100 फीसदी गारंटी उपलब्ध कराई जाएगी।