थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवने ने 22 अक्तूबर 2020 को नौसैनिक डॉकयार्ड, विशाखापतनम में आयोजित एक समारोह में प्रोजेक्ट 28 (कामोर्ता क्लास) के अंतर्गत निर्मित रेडार से बच निकलने वाले पनडुब्बी रोधी युद्धपोत (एएसडब्ल्यू) आईएनएस कावरत्ती (INS Kavaratti) को भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किया।
- इसका नाम लक्षद्वीप की राजधानी कावारत्ती के नाम पर रखा गया है।
- आईएनएस कावारत्ती को भारत में निर्मित हाई ग्रेड डीएमआर 249ए स्टील से बनाया गया है।
- आकर्षक और शानदार इस युद्धपोत की लंबाई 109 मीटर, चौड़ाई 14 मीटर और वजन 3300 टन है और यह भारत में निर्मित सबसे ज्यादा प्रभावशाली पनडुब्बी रोधी युद्धपोत है।
- युद्धपोत का सम्पूर्ण सुपर ढांचा मिश्रित सामग्री से बनाया गया है।
- यह चार डीजल इंजनों से लैसहै। युद्धपोत में रेडार से बच निकलने की विशेषता है। रेडार की पकड़ में नहीं आने वाले इस युद्धपोत का शत्रु आसानी से पता नहीं लगा सकेगा।
- आईएनएस कावारत्ती इसी नाम के तत्कालीन युद्धपोत अरनाला क्लास मिसाइल (आईएनएस कावारत्ती-पी 80) का अवतार है।
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