केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 3 जून, 2020 को आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी। आवश्यक वस्तु अधिनियम (Essential Commodities Act) में संशोधन के जरिए अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेलों, प्याज और आलू जैसी वस्तुओं को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटा दिया जाएगा।
- उत्पादन, भंडारण, ढुलाई, वितरण और आपूर्ति करने की आजादी से व्यापक स्तर पर उत्पादन करना संभव हो जाएगा और इसके साथ ही कृषि क्षेत्र में निजी/प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित किया जा सकेगा। इससे कोल्ड स्टोरेज में निवेश बढ़ाने और खाद्य आपूर्ति श्रृंखला (सप्लाई चेन) के आधुनिकीकरण में मदद मिलेगी।
- संशोधन के तहत यह व्यवस्था की गई है कि अकाल, युद्ध, कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि और प्राकृतिक आपदा जैसी परिस्थितियों में इन कृषि उपजों की कीमतों को नियंत्रित किया जा सकता है।
- हालांकि, मूल्य श्रृंखला (वैल्यू चेन) के किसी भी प्रतिभागी की स्थापित क्षमता और किसी भी निर्यातक की निर्यात मांग इस तरह की स्टॉक सीमा लगाए जाने से मुक्त रहेगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कृषि क्षेत्र में निवेश हतोत्साहित न हो।
- घोषित संशोधन मूल्यों में स्थिरता लाने के साथ-साथ किसानों और उपभोक्ताओं दोनों ही के लिए मददगार साबित होगा। इसके साथ ही भंडारण सुविधाओं के अभाव के कारण होने वाली कृषि उपज की बर्बादी को भी रोका जा सकेगा।