जनवरी 2022 में, एयर इंडिया और कुछ अन्य अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों ने संयुक्त राज्य अमेरिका में नई 5G सेल फोन सेवाओं और हवाई जहाज की महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के बीच संभावित टकराव के बारे में अनिश्चितता के बीच अपनी उड़ानें रद्द कर दीं।
- हालांकि, 20 जनवरी को, फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने लैंडिंग को मंजूरी जरूर दे दी परन्तु चिंताएं बनीं हुईं हैं।
समस्या क्या है?
- दरअसल 14 जनवरी को, यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने चेतावनी दी कि AT&T और Verizon द्वारा अमेरिका के कई शहरों में नई 5G तकनीक का 3.7-3.98 गीगाहर्ट्ज़ (गीगाहर्ट्ज़) बैंड में रोलआउट, हवाई जहाजों में लगाए गए रडार अल्टीमीटर जैसे ऑनबोर्ड उपकरणों के काम करने में व्यवधान पैदा कर सकता है।
- एयरलाइंस ने कहा है कि 5 जी रोलआउट के लिए दूरसंचार कंपनियों द्वारा उपयोग की जाने वाली फ्रीक्वेंसी रडार अल्टीमीटर जैसे ऑनबोर्ड उपकरणों द्वारा उपयोग की जाने वाली फ्रीक्वेंसी के बहुत करीब हैं।
- रडार अल्टीमीटर 4.2-4.4 GHz रेंज में काम करते हैं। सभी हवाई यानों के लिए – जिनमें एक विमान, अंतरिक्ष यान, या यहां तक कि एक मिसाइल भी शामिल हैं -ऊंचाई और तय की गई दूरी ज्ञात करने के लिए एक अल्टीमीटर जरुरी है ।
- रेडियो या रडार अल्टीमीटर एक बहुत छोटा, कम-शक्ति वाला रडार सिस्टम है जो 4.2-4.4 गीगाहर्ट्ज़ आवृत्ति वाले माइक्रोवेव सी-बैंड में संचालित होता है।
- इन अल्टीमीटर की हाई फ्रीक्वेंसीज विमान निर्माताओं को छोटे एंटीना स्थापित करने में सक्षम बनाती है जो शक्तिशाली सिग्नल उत्पन्न करते हैं जिन्हें जल्दी और सटीक रूप से रिले किया जा सकता है।
- 5G के लिए सी-बैंड स्पेक्ट्रम रेंज पर 3.7-3.98 गीगाहर्ट्ज़ वस्तुतः विमानों के 4.2-4.4 गीगाहर्ट्ज़ रेंज के बहुत करीब है जिसमें रेडियो या रडार अल्टीमीटर काम करते हैं।