संसद ने अंतर्देशीय पोत विधेयक – 2021 पारित कर दिया है। राज्यसभा में 2 अगस्त 2021 को शोर-शराबे के बीच इस विधेयक को पारित किया गया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है।
- यह विधेयक अंतर्देशीय पोत कानून-1917 का स्थान लेगा। इसका उद्देश्य देशभर में अंतर्देशीय जहाज प्रचालन के लिए एक समान नियामक ढांचा लागू करना है।
- इसमें जहाज के विवरण, जहाज और चालक दल के पंजीकरण की रिकॉर्डिंग के लिए इलेक्ट्रोनिक पोर्टल पर सेंट्रल डेटाबेस तैयार करना है।
- विधेयक में जहाज, नौका, सेलिंग वैसल्स, कंटेनर वैसल्स और फैरी समेत मशीन से चालित अंतर्देशीय जहाजों की परिभाषा दी गई है।
- सरकार डिजाइन के मानक की श्रेणी, निर्माण और चालक दल के आवास तथा सर्वे की अवधि निर्धारित करेगी। ऐसे जहाजों के निर्माण और संशोधन के लिए निर्धारित प्राधिकारी की पूर्व अनुमति आवश्यक होगी।
- अंतर्देशीय जलमार्गों में ऐसे सभी जहाजों के प्रचालन के लिए सर्वे और पंजीकरण का प्रमाण-पत्र होना अनिवार्य होगा।
- इस विधेयक में विकास कोष का प्रावधान किया गया है जिसका उपयोग आपात तैयारियों, प्रदूषण नियंत्रण और अंतर्देशीय जलमार्ग में जहाजों के आवागमन को बढा़वा देने के लिए किया जाएगा।
- प्रत्येक राज्य अलग से अपना विकास कोष बनाएगा। इसमें राज्य सरकारों को गैर-मशीन चालित अंतर्देशीय जहाजों से संबंधित कुछ गतिविधियों के कार्य स्थानीय शासन को दिए जाने का अधिकार दिया गया है।