सर्वोच्च न्यायालय में भारत में मृृृत्युदंड की सजा प्राप्त लोगों को फांसी पर लटकाने के विकल्प (यानी फांसी का तरीका) पर सुनवाई चल रही है।
भारत सरकार का पक्षः-9 जनवरी, 2019 को भारत सरकार ने अपना पक्ष रखते हुये कहा कि मृत्युदंड की सजा के कार्यान्वयन के लिए फांसी पर लटकाने का कोई अन्य उचित विकल्प नहीं है। सरकार के इस पक्ष पर याचिका करने वाले अधिवक्ता ने दलील दी कि अमेरिका जैसे देश में घातक इंजेक्शन के द्वारा फांसी दी जाती है और यह सफल भी है। परंतु सरकार का तर्क था कि घातक इंजेक्शन कई बार असफल हुये है। वैसे सरकार ने इस विषय पर जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय लिया है। हालांकि न्यायालय ने सरकार को जरूर कहा कि आधुनिक विज्ञान में विकास का कोई हल यदि है तो इस पर विचार किया जाना चाहिये।
क्या है मुद्दाः दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिवक्ता ट्टषि मल्होत्र ने मृत्युदंड की सजा के क्रियान्वयन के लिए फांसी के द्वारा लटकाये जाने के अन्य विकल्प पर विचार करने के लिए याचिका दायर किया है। अपनी याचिका में उन्होंने दलील दी है कि फांसी पर लटकाना काफी दर्दनाक होता है। ज्ञातव्य है कि सर्वोच्च न्यायालय ने अपने पूर्व के एक निर्णय में कहा भी है कि सजायाफ्रता व्यक्ति को शांति से मरने का अधिकार है न कि दर्द में। एक मानव, मृत्यु में भी सम्मान का अधिकारी है।
मृत्युदंड पर विचार नहींः हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट कहा कि वह मृत्युदंड की सजा की संवैधानिकता विचार नहीं कर रहा है। सर्वोच्च न्यायालय ने इससे पहले भी दीना बनाम भारत संघ व 1980 में बच्चन सिंह वाद में मत्युदंड की संवैधानिकता को स्पष्ट कर चुका है। अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 354(5) फांसी पर लटकाकर मृत्युदंड की सजा का प्रावधान किया गया है।
अन्य देशों में मृत्युदंड का तरीका
फांसी पर लटकानाः भारत, बांग्लादेश, ईरान, इराक, जापान, मलेशिया, पाकिस्तान, श्रीलंका, दक्षिण कोरिया सहित 58 देशों में यह तरीका अपनाया जाता है।
घातक इंजेक्शनः चीन, ग्वाटेमाला, मालदीव, ताइवान, थाईलैंड व यूएसए
पत्थर से मारकर सजाः ईरान, मॉरिटानिया, नाइजीरिया, सउदी अरब, सूडान, यूएई, यमन
सिर कलम करनाः सउदी अरब
–विश्व के 103 देशों में मृत्युदंड की सजा को समाप्त किया जा चुका है।