रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने भारतीय नौसेना के साथ 30 दिसंबर 2020 को गोवा तट से कुछ दूर समुद्र में ‘सहायक-एनजी’ (SAHAYAK-NG) का पहला सफल उड़ान परीक्षण सम्पन्न किया।
- सहायक-एनजी भारत का पहला स्वदेशी तौर पर डिजाइन और विकसित किया गया ऐसा कंटेनर (India’s first indigenously designed and developed Air Dropped Container ) है, जिसे आकाश से सतह पर उतारा जा सकता है।
- यह परीक्षण भारतीय नौसेना के आईएल- 38एसडी (IL 38SD) विमान से किया गया।
- सहायक-एनजी, सहायक एमके-1 का आधुनिक संस्करण है। नव विकसित जीपीएस समर्थित कंटेनर 50 किलोग्राम तक वजन ले जाने में सक्षम है और इसे किसी भारी विमान से सतह पर उतारा जा सकता है।
- भारतीय नौसेना ने इसकी परिचालन लॉजिस्टिक क्षमता में वृद्धि करने और तट से 2,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर तैनात पोतों को महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग भंडारण सुविधा मुहैया कराने के लिए यह परीक्षण किया।
- इस सहायक-एनजी कंटेनर का विकास डीआरडीओर की दो प्रयोगशालाओं – विशाखापत्तनम स्थित एनएसटीएल और आगरा स्थित एडीआरडीई ने अपने उद्योग साझेदार अवान्टेल के साथ मिलकर किया है। मैसर्स अवान्टेल ने इसके लिए जीपीएस समेकन का काम किया है।