केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (SEIAA) के लिए कम से कम समय में पर्यावरण मंजूरी देने के लिए एक ‘स्टार रेटिंग’ प्रणाली आरम्भ किया है।
- कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” पर की गई कार्रवाई पर चर्चा की गयी और परियोजनाओं को पर्यावरण मंजूरी देने में लगने वाले समय के आधार पर राज्यों की रैंकिंग के बारे में चर्चा हुई।
- इस सम्बन्ध में राज्यों को प्रस्ताव भेजा गया है।
स्टार रेटिंग सिस्टम क्या है?
- पर्यावरण मंत्रालय एसईआईएए (State Environment Impact Assessment Authority: SEIAA) के आधार पर स्टार रेटिंग के लिए मानदंड लेकर आया है।
- प्रस्तावित सात मानदंडों में शामिल हैं: पर्यावरण मंजूरी देने में लगने वाले दिनों की औसत संख्या, 30 दिनों से अधिक समय से प्रतीक्षित अद्यतन संदर्भ शर्तों/टीओआर संशोधन प्रस्तावों के निपटान का प्रतिशत, 105 दिनों से अधिक के लिए प्रतीक्षारत अद्यतन पर्यावरण मंजूरी का प्रतिशत और संदर्भ शर्तों/पर्यावरण मंजूरी के प्रस्तावों को स्वीकार करने और SEIAA द्वारा पुनर्मूल्यांकन की गई शिकायतों के निपटान में लिए गए दिनों की औसत संख्या।
- SEIAA के लिए रेटिंग पिछले छह महीनों के प्रदर्शन के आधार पर एक गतिशील प्रक्रिया होगी । ब्लॉक अवधि के पहले और अंतिम दिनों से शुरू होने वाले छह महीने के ब्लॉक के डेटा पर विचार किया जाएगा। इसे हर महीने के अंत में अपडेट किया जाएगा।
- उदाहरण के लिए, एक SEIAA को 80 दिनों से कम समय में मंजूरी देने के लिए दो अंक मिलते हैं, 105 दिनों के भीतर एक अंक और इससे अधिक दिनों के लिए कोई अंक नहीं।
- यदि आवेदन जांच के दौरान 10% से कम परियोजनाओं की जमीनी स्थितियों की जांच करने के लिए समिति के सदस्यों को साइट का दौरा करना पड़ता है, तो SEIAA को एक अंक मिलेगा। दूसरी ओर, 20% से अधिक परियोजनाओं की स्थिति में इसे कमी माना जायेगा और शून्य अंक मिलेंगे।
- सात या अधिक के स्कोर वाले SEIAA को ‘फाइव स्टार’ का दर्जा दिया जाएगा।
स्टार रेटिंग के उद्देश्य क्या हैं?
- केंद्र ने पर्यावरण मंजूरी देने में दक्षता और समयसीमा के आधार पर राज्यों को स्टार रेटिंग प्रणाली के माध्यम से प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है।
- यह मान्यता और प्रोत्साहन देने के साथ-साथ जहां आवश्यक हो सुधारों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आरम्भ किया गया है।
आशंकाएं
- पर्यावरण कानून विशेषज्ञों को डर है कि इसका उद्देश्य पर्यावरणीय चिंताओं को ठीक से संबोधित किए बिना तेजी से पर्यावरण मंजूरी देने में एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करना हो सकता है।
- मानदंडों के अवलोकन से पता चलता है कि उन परियोजनाओं को अधिक महत्व दिया जायेगा जहां अधिक निगरानी नहीं हो।
- यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि कम से कम समय में परियोजनाओं को मंजूरी देना होगा।
- इनके मुताबिक SEIAA का कार्य ‘विस्तृत जांच’ करना है जबकि यह अधिसूचना उन्हें रबर स्टाम्प प्राधिकरण बनाती है।
पर्यावरण मंजूरी की स्थिति
- पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार, पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना, 2006 में निर्धारित 105 दिनों की समयसीमा के मुकाबले पर्यावरण मंजूरी देने में लिया गया औसत समय काफी कम होकर लगभग 75 दिन हो गया है।