केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 1 फ़रवरी 2022 को संसद में केन्द्रीय बजट 2022-23 पेश किया। बजट की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- राजकोषीय घाटा: वित्त वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.9 प्रतिशत (बजट अनुमानों में 6.8 प्रतिशत की तुलना में), वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.4 प्रतिशत अनुमानित।
- राज्यों को जीएसडीपी घाटे : 2022-23 में राज्यों को जीएसडीपी के 4 प्रतिशत का वित्तीय घाटे की अनुमति होगी, जिसका 0.5 प्रतिशत विद्युत क्षेत्र सुधारों में उपयोग किया जाएगा।
- सार्वजनिक पूंजीगत निवेश: वर्ष 2022-23 में पूंजीगत व्यय के लिए परिव्यय 35.4 प्रतिशत तेजी से बढ़कर 7.50 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो मौजूदा वर्ष में 5.54 लाख करोड़ रुपये था। वर्ष 2022-23 में परिव्यय सकल घरेलू उत्पाद का 2.9 प्रतिशत रहेगा। केन्द्र सरकार का प्रभावी पूंजीगत व्यय 2022-23 में 10.68 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो जीडीपी का लगभग 4.1 प्रतिशत है।
- 4 प्राथमिकताओं में विकास पर जोर: अगले 25 साल भारत@100 के अमृत काल में प्रवेश करते हुए बजट में 4 प्राथमिकताओं में विकास पर जोर दिया गया हैः पीएम गतिशक्ति, समेकित विकास, उत्पाद संवर्धन एवं निवेश, सनराइज अवसर, ऊर्जा संक्रमण और जलवायु कार्य, निवेश को वित्तीय मदद।
- पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान: पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान के दायरे में आर्थिक बदलाव के सभी 7 कारक, निर्बाध बहुपक्षीय कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक के दायरे में आ जाएंगे। राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन में इन 7 कारकों से जुड़ी परियोजनाओं को पीएम गतिशक्ति फ्रेमवर्क से जोड़ दिया जाएगा।
- सड़क परिवहन: राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में 2022-23 में 25000 किलोमीटर का विस्तार दिया जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में विस्तार के लिए 20000 रुपए जुटाए जाएंगे।
- मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क: 2022-23 में 4 स्थानों पर मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क बनाने के लिए पीपीपी प्रारूप के जरिए संविदाएं प्रदान की जाएंगी।
- रेलवे: स्थानीय व्यापार और आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ाने के लिए एक स्टेशन एक उत्पाद की संकल्पना। 2022-23 में देसी विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी और क्षमता वृद्धि कवच के तहत रेल मार्ग नेटवर्क में 2000 किलोमीटर जोड़ा जाएगा। अगले 3 साल के दौरान 400 उत्कृष्ट वंदे भारत रेलगाड़ियों का निर्माण होगा। अगले 3 साल के दौरान मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक के लिए 100 पीएम गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे।
- रोपवे: राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम, पर्वतमाला को पीपीपी प्रारूप में लाया जाएगा। 2022-23 में 60 किलोमीटर लंबी 8 रोपवे परियोजनाओं के लिए संविदाएं प्रदान की जाएंगी।
- कृषि: गेहूं और धान की खरीद के लिए 1.63 करोड़ किसानों को 2.37 लाख करोड़ रुपए का सीधा भुगतान। देशभर में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। शुरू में गंगा नदी से सटे 5 किलोमीटर की चौड़ाई तक के गलियारे वाले किसानों की जमीनों पर ध्यान दिया जाएगा। नाबार्ड कृषि और ग्रामीण उद्यम से जुड़े स्टार्टप्स को वित्तीय मदद के लिए मिश्रित पूंजी कोष की सुविधा देगा। फसलों के आकलन, भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण, कीटनाशकों एवं पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए “किसान ड्रोन।“
- केन बेतवा परियोजना: केन-बेतवा लिंक परियोजना के क्रियान्वयन के लिए 1400 करोड़ परिव्यय। केन-बेतवा लिंक परियोजना से किसानों की 9.08 लाख हेक्टेयर जमीनों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी।
- सूक्ष्म, मध्यम व लघु उद्यम: उद्यम, ई-श्रम, एनसीएस और असीम पोर्टलों को आपस में जोड़ा जाएगा। 130 लाख एमएसएमई को इमरजेंसी क्रेडिट लिंक्ड गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत अतिरिक्त कर्ज दिया गया। ईसीएलजीएस को मार्च 2023 तक बढ़ाया जाएगा। ईसीएलजीएस के तहत गारंटी कवर को 50000 करोड़ रुपए बढ़ाकर कुल 5 लाख करोड़ कर दिया जाएगा। सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को सूक्ष्म एवं लघु उद्यम क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) के तहत 2 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त क्रेडिट दिया जाएगा। रेजिंग एंड एसिलेरेटिंग एमएसएमई परफोर्मेंस (आरएएमपी) प्रोग्राम 6000 करोड़ रुपए के परिव्यय से शुरू किया जाएगा।
- राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम: राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम के लिए खुला मंच शुरू किया जाएगा। गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और देखरेख सेवाओं के लिए राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
- जीवंत ग्राम कार्यक्रम: उत्तर सीमा पर छिटपुट आबादी, सीमित सम्पर्क और बुनियादी ढांचे वाले सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए जीवंत ग्राम कार्यक्रम।
- सेन्टर फॉर प्रोसेसिंग एक्सिलरेटिड कॉरपोरेट एक्जिट: कंपनियों को तेजी से बंद करने के लिए सेन्टर फॉर प्रोसेसिंग एक्सिलरेटिड कॉरपोरेट एक्जिट (C-PAC) स्थापित।
- 280 गीगावॉट सौर विद्युत लक्ष्य: वर्ष 2030 तक स्थापित सौर विद्युत का 280 गीगावॉट लक्ष्य हासिल करने के लिए उच्च दक्षता के सौर मॉड्यूल्स के निर्माण के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन के लिए 19,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन।
- डिजिटल रूपया: सरकार ने ब्लॉक चेन और अन्य प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल से डिजिटल रुपये की शुरुआत करने का प्रस्ताव किया है, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा जारी किया जाएगा और इसकी शुरुआत 2022-23 से होगी।
- सहकारी समितियां: सहकारी समितियों के लिए वैकल्पिक न्यूनतम कर भुगतान को 18.5 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत किया गया। उन सहकारी समितियों के लिए अधिभार की मौजूदा दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत किया गया, जिनकी कुल आमदनी एक करोड़ रुपये से अधिक और 10 करोड़ रुपये तक है।
- राज्यों को वित्तीय सहायता के लिए पूंजी निवेश योजना: केंद्र सरकार ने ‘राज्यों को वित्तीय सहायता के लिए पूंजी निवेश योजना’ के परिव्यय को 10,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर चालू वर्ष के संशोधित अनुमान में 15,000 करोड़ रुपये कर दिया है। इसके अलावा 2022-23 के लिए अर्थव्यवस्था में सभी निवेशों को प्रेरित करने के उद्देश्य से राज्यों की मदद के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। ये 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण राज्यों को दिए जाने वाले सामान्य कर्ज के अलावा हैं .
- राष्ट्रीय पेंशन योजना के योगदान में समानता: राज्य सरकार के कर्मचारियों के एनपीएस खाते में नियोक्ता के योगदान पर कर कटौती की सीमा को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। इससे राज्य सरकार के कर्मचारियों को केन्द्रीय कर्मचारियों के समान सुविधा प्रदान करने में मदद मिलेगी। राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा लाभ को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
- वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों के कराधान के लिए योजना: वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों के लिए विशेष कर प्रणाली लागू की गई। किसी भी वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर कर दी दर 30 प्रतिशत होगी।
- एमएसएमई: छतरी पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया जा रहा है। छतरी के कलपुर्जों पर दी जा रही शुल्क छूट को वापस लिया जा रहा है।
- डिजिटल इकोसिस्टम फॉर स्किलिंग एंड लिवलीहुड (डीईएसएच-स्टैक ई-पोर्टल): ऑनलाइन प्रशिक्षण के जरिए नागरिकों की कुशलता बढ़ाने के लिए डिजिटल इकोसिस्टम फॉर स्किलिंग एंड लिवलीहुड (डीईएसएच-स्टैक ई-पोर्टल) लॉन्च किया जाएगा। ‘ड्रोन शक्ति’ की सुविधा और सेवा के रूप में ड्रोन (डीआरएएएस) के लिए स्टार्टप्स को बढ़ावा दिया जाएगा।
- शिक्षा: पीएम ई-विद्या के एक कक्षा एक टीवी चैनल कार्यक्रम को 200 टीवी चैनलों पर दिखाया जाएगा। महत्वपूर्ण चिंतन कौशल और प्रभावी शिक्षण वातावरण को बढ़ावा देने के लिए वर्चुअल प्रयोगशाला और कौशल ई-प्रयोगशाला की स्थापना। डिजिटल शिक्षकों के माध्यम से पढ़ाई के लिए उच्च गुणवत्ता वाली ई-कंटेंट विकसित किया जाएगा। व्यक्तिगत तौर पर पढ़ाई करने के लिए विश्व स्तरीय शिक्षा के लिए डिजिटल विश्व विद्यालय की स्थापना की जाएगी।
- गैर-मिश्रित ईंधन: गैर-मिश्रित ईंधन पर 1 अक्टूबर, 2022 से प्रति लीटर 2 रुपये का अतिरिक्त विभेदक उत्पाद शुल्क लगेगा, ताकि ईंधन के मिश्रण को बढ़ावा दिया जा सके।