वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए संघीय बजट 1 फरवरी, 2018 को संसद में पेश किया। इस बजट की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- वित्त मंत्री के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था अभी 2.5 ट्रिलियन डॉलर की हो गयी है और इस तरह भारत विश्व की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। परचेजिंग पावर पैरिटी (पीपीपी) के हिसाब से भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
- आम बजट में कृषि, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, एमएसएमई और बुनियादी ढांचागत क्षेत्रों को मजबूत करने के मिशन पर फोकस।
- सरकार ने कहा, अनेक ढांचागत सुधारों की बदौलत भारत भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्थाओँ में शुमार हो जाएगा। विनिर्माण, सेवा और निर्यात क्षेत्रों में विकास के पटरी पर वापस आ जाने से भारत अब 8 प्रतिशत से भी अधिक की आर्थिक विकास दर हासिल करने की दिशा में मजबूती से अग्रसर हो गया है।
- अधिकतर रबी फसलों की ही तरह सभी अघोषित खरीफ फसलों की एमएसपी उनकी उत्पादन लागत से डेढ़ गुना होगी; कृषि क्षेत्र को संस्थागत ऋण वर्ष 2014-15 के 8.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2018-19 में 11 लाख करोड़ रुपये।
- 86 प्रतिशत छोटे एवं सीमांत किसानों के हितों की रक्षा के लिए 22,000 ग्रामीण हाटों को ग्रामीण कृषि बाजारों (GrAMS) के रूप में विकसित एवं उन्नत किया जाएगा।
- किसानों एवं उपभोक्ताओं के हित में आलू, टमाटर और प्याज की कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव की समस्या से निपटने के लिए ‘ऑपरेशन ग्रीन्स’ लांच किया गया।
- बांस हरित सोना है। इस क्षेत्र को संपूर्ण रूप से बढ़ावा देने के लिए 1290 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ एक पुनर्गठित राष्ट्रीय बांस मिशन को शुरू करने का प्रस्ताव। पुनर्गठित राष्ट्रीय बांस मिशन के लिए 1,290 करोड़ रुपये का आवंटन।
- डेयरी उद्योग की आधारभूत सुविधाओं में वित्त निवेश में सहायता के लिए सूक्ष्म सिंचाई कोष स्थापित करने की घोषणा । वित्त मंत्री ने मत्स्य क्रांति अवसंरचना विकास कोष तथा पशुपालन के लिए आधारभूत सुविधा विकास कोष स्थापित करने की घोषणा की। इन दोनों कोषों की कुल स्थाई निधि 10 हजार करोड़़ रुपए होगी।
- वित्त मंत्री ने कृषि उत्पादों के निर्यात की संभावना को देखते हुए 42 मेगाफूड पार्कों में अत्याधुनिक परीक्षण सुविधाएं स्थापित करने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए सरकारों के प्रयासों को सहायता देने की एक विशेष योजना की भी घोषणा की।
- महिला स्वयं सहायता समूहों को मिलने वाली ऋण राशि को पिछले साल के 42,500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर वर्ष 2019 में 75,000 करोड़ रुपये किया जाएगा।
- निम्न एवं मध्यम वर्ग को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन, बिजली और शौचालय सुलभ कराने हेतु उज्ज्वला, सौभाग्य और स्वच्छ मिशन के लिए अधिक लक्ष्य तय। उज्जवला योजना के अंतर्गत आठ करोड़ गरीब महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन दिए जाएंगे।
- स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक संरक्षण के लिए परिव्यय 1.38 लाख करोड़ रुपये होगा। जनजातीय विद्यार्थियों के लिए वर्ष 2022 तक हर जनजातीय ब्लॉक में एकलव्य आवासीय स्कूल होगा। अनुसूचित जातियों के लोगों से जुड़े कल्याण कोष को बढ़ावा मिला।
- 2018-19 के लिए स्वास्थ्य शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा पर बजटीय व्ययों का अनुमान 2017-18 के 1.22 लाख करोड़ रुपए की तुलना में 1.38 लाख करोड़़ रुपए है।
- राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के लिए वर्ष 2018-19 में 9975 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- शिक्षा क्षेत्र के लिए क लाख करोड़ रुपये की लागत से वर्ष 2022 तक के लिए आरआईएसई पहल (Revitalising Infrastructure and System in Education-RISE) आरंभ किया जाएगा।
- प्रधानमंत्री अनुसंधान अध्येता पहल (Prime Minister Research Fellow-PMRF) के तहत श्रेष्ठ संस्थानों से हर वर्ष एक हजार उत्कृष्ट बीटैक छात्रों की पहचान की जाएगी और उन्हें आईआईटी, आईआईएससी में पीएचडी करने के लिए सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
- वित्त मंत्री ने 10 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों को दायरे में लाने के लिए एक फ्लैगशिप राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना को प्रारंभ करने की घोषणा की जिसके तहत द्वितीयक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रति परिवार पांच लाख रुपए प्रतिवर्ष कवरेज प्रदान की जाएगी।
- गंगा स्वच्छता के मामले में नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत 16,713 करोड़ रुपए की लागत से कुल 187 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। इनमें से 47 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और 4465 गंगा ग्रामों को खुले मे शौच से मुक्त घोषित कर दिया है।
- मध्यम लघु तथा सूक्ष्म उद्यम एवं रोजगार को बढ़ावा देने के लिए बजट में 3794 करोड़ रुपए प्रदान किए गए हैं। अप्रैल 2015 में मुद्रा योजना का शुभारंभ किया गया जिसके तहत 10.38 करोड़ रुपए के मुद्रा लोन दिए गए। इनमें से 76 प्रतिशत ऋण खाते महिलाओं के जबकि 50 प्रतिशत से ज्यादा अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग के हैं। 2018-19 के लिए मुद्रा के अंतर्गत तीन लाख करोड़ रुपए के ऋण का लक्ष्य रखा गया है।
- इस वर्ष 70 लाख औपचारिक रोजगारों का सृजन किया जाएगा। पिछले तीन वर्षों के दौरान रोजगार सृजन की दिशा में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री ने घोषणा की कि सरकार अगले तीन वर्षों में सभी क्षेत्रों के लिए ईपीएफ में नए कर्मचारियों के वेतन का 12 प्रतिशत का योगदान करेगी।
- भारतमाला परियोजना के अंतर्गत करीब 35 हजार किलोमीटर सड़क के निर्माण को चरण एक में अनुमति दी जा चुकी है और इसकी अनुमानित लागत 5,35,000 करोड़ रुपए है।
- सार्वजनिक क्षेत्र की तीन बीमा कंपनियों- नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, यूनाईटेड इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और ऑरिएंटल इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड – का विलय करके एक बीमा कंपनी बनाई जाएगी।
- बजट में राष्ट्रपति का वेतन 5 लाख रुपए, उपराष्ट्रपति का 4 लाख रुपए और राज्यपाल का 3.5 लाख रुपए प्रति महीने करने का प्रस्ताव किया गया है।
- महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के लिए बजट में 150 करोड़ रुपए की राशि आबंटित की गई है।
- राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत तय किया गया, यह 2018-19 में 3.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। संशोधित वित्तीय घाटे का अनुमान वर्ष 2017-18 के लिए 5.95 लाख करोड़ रुपए का है, जो जीडीपी 3.5 प्रतिशत है।
- कर दाताओं की संख्या जो 2014-15 में 6.47 करोड़ थी, बढ़कर 2016-17 में 8.27 करोड़ हो गई है।
- बुनियादी ढांचागत क्षेत्र के लिए 5.97 लाख करोड़ रुपये का आवंटन।
- 10 प्रमुख स्थलों को प्रतीक पर्यटन गंतव्यों के रूप में विकसित किया जाएगा।
- नीति आयोग आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) पर एक राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू करेगा।
- रोबोटिक्स, एआई, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, इत्यादि पर उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।
- विनिवेश 72,500 करोड़ रुपये के लक्ष्य को पार कर 1,00,000 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचा।
- पीली धातु को एक परिसंपत्ति श्रेणी के रूप में विकसित करने के लिए व्यापक स्वर्ण नीति बनाने की तैयारी।
- 100 करोड़ रुपये तक के वार्षिक कारोबार वाली किसान उत्पादक कंपनियों के रूप में पंजीकृत कंपनियों को इस तरह की गतिविधियों पर प्राप्त लाभ पर 2018-19 से लेकर पांच वर्षों तक 100 प्रतिशत कटौती का प्रस्ताव।
- धारा 80-जेजेएए के तहत नए कर्मचारियों को अदा किए जाने वाले कुल वेतन पर 30 प्रतिशत कटौती में ढील देकर इसे फुटवियर एवं चमड़ा उद्योग के लिए 150 दिन किया जाएगा, ताकि ज्यादा रोजगार सृजित हो सके।
- ऐसी अचल संपत्ति में लेन-देन के संबंध में कोई समायोजन नहीं होगा जिसमें सर्किल रेट मूल्य कुल राशि के 5 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा।
- 50 करोड़ रुपये से कम के कारोबार (वित्त वर्ष 2015-16 में) वाली कंपनियों के लिए फिलहाल उपलब्ध 25 प्रतिशत की घटी हुई दर का लाभ वित्त वर्ष 2016-17 में 250 करोड़ रुपये तक के कारोबार की जानकारी देने वाली कंपनियों को भी देने का प्रस्ताव रखा गया है, ताकि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम लाभान्वित हो सकें।
- परिवहन भत्ते के लिए मौजूदा छूट और विविध चिकित्सा खर्चों की प्रतिपूर्ति के स्थान पर 40,000 रुपये की मानक कटौती। इससे 2.5 करोड़ नौकरीपेशा कर्मचारी एवं पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे।
- वरिष्ठ नागरिकों को प्रस्तावित राहत :
- बैंकों और डाकघरों में जमाराशियों पर ब्याज आमदनी संबंधी छूट 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये की जाएगी।
- धारा 194ए के तहत टीडीएस काटने की आवश्यकता नहीं। सभी सावधि जमा योजनाओं और आवर्ती जमा योजनाओं के तहत प्राप्त ब्याज पर भी लाभ मिलेगा।
- धारा 80डी के तहत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और / अथवा चिकित्सा व्यय के लिए कटौती सीमा 30,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये की गई।
- धारा 80डीडीबी के तहत कुछ विशेष गंभीर बीमारियों पर चिकित्सा व्यय के लिए कटौती सीमा 60,000 रुपये (वरिष्ठ नागरिकों के मामले में) और 80,000 रुपये (अति वरिष्ठ नागरिकों के मामले में) से बढ़ाकर सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1 लाख रुपये कर दी गई है।
- प्रधानमंत्री वय वंदना योजना की अवधि मार्च 2020 तक बढ़ाने का प्रस्ताव। वर्तमान निवेश सीमा को प्रति वरिष्ठ नागरिक के लिए 7.5 लाख रुपये की मौजूदा सीमा से बढ़ाकर 15 लाख रुपये करने का प्रस्ताव
- अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केन्द्र (आईएफएससी) में अवस्थित स्टॉक एक्सचेंजों में कारोबार को बढ़ावा देने हेतु आईएफएससी के लिए और अधिक रियायतें।
- कैश इकॉनोमी को नियंत्रण में रखने के लिए ट्रस्टों और संस्थानों को 10,000 रुपये से अधिक का नकद भुगतान करने की अनुमति नहीं होगी और इस पर टैक्स लगेगा।
- मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत तथा मोबाइल व टीवी के कलपुर्जों के लिए सीमा शुल्क को बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है।
- काजू प्रसंस्करण उद्योग के लिए कच्चे काजू पर सीमा शुल्क 5 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया गया है।
- 1 लाख रुपये से अधिक के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत की दर से टैक्स (capital gain tax) लगेगा जिसमें कोई भी सूचीकरण लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि, 31 जनवरी, 2018 तक हुए सभी लाभ को संरक्षित किया जाएगा।
- इक्विटी उन्मुख म्यूचुअल फंडों द्वारा वितरित आय पर 10 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाने का प्रस्ताव।
- गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों तथा ग्रामीण परिवारों की शिक्षा और स्वास्थ्य जरूरतों के लिए बजट में व्यक्तिगत आयकर तथा निगम कर पर 4 प्रतिशत अधिशेष की व्यवस्था की गई है। नये अधिशेष को स्वास्थ्य व शिक्षा उपकर के नाम से जाना जाएगा।
- आयातित वस्तुओं पर लगने वाले शिक्षा उपकर तथा उच्च शिक्षा उपकर को समाप्त करने का प्रस्ताव दिया गया है। इसके स्थान पर आयातित वस्तुओं पर 10 प्रतिशत की दर से एक सामाजिक कल्याण उपकर लगाया जाएगा। जिन आयातित वस्तुओं को शिक्षा उपकर से छूट मिली हुई है, वह जारी रहेगी।
- प्रत्यक्ष कर संग्रह में और अधिक दक्षता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आपसी संपर्क लगभग पूरी तरह समाप्त करने के लिए देश भर में ई-निर्धारण शुरू करने का प्रस्ताव।
- देश में और ज्यादा रोजगारों के सृजन को बढ़ावा देने के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहनों के कलपुर्जों, फुटवियर और फर्नीचर में ‘मेक इन इंडिया’ तथा घरेलू मूल्य वर्द्धन को भी प्रोत्साहित करने के लिए सीमा शुल्क में फेरबदल करने का प्रस्ताव।