- चीन के शोधकर्त्ताओं ने पहली बार दो मकाक बंदरों का क्लोन तैयार किया है। इसकी घोषणा 24 जनवरी, 2018 को गई।
- क्लोन के जरिये जिन दो मकाक बंदरों का जन्म हुआ है, वे हैं; झोंग झोंग (Zhong Zhong) एवं हुआ हुआ (Hua Hua)। ऐसा पहली बार है जब किसी प्राइमेट्स (मानव सृदश स्तनधारी) का क्लोन तैयार किया गया है। इससे मनुष्य मानव क्लोन के बिल्कुल नजदीक पहुंच गया है।
- चायनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज के न्यूरोसाइंस प्रभाग में दो मकाक बंदरों को उसी तकनीकी से क्लोनित किया गया जिस तरीके से डॉली नामक भेड़ का क्लोन तैयार किया गया था।
- इनका क्लोन सोमैटिक सेल न्यूक्लियर ट्रांसफर तकनीक (somatic cell nuclear transfer: SCNT) से किया गया है। मकाक की भ्रूण कोशिका से डीएनए निकालकर अंडा में रखा गया और कृत्रिम तरीके से उसका निषेचन किया गया ताकि वह भ्रूण का रूप ले ले और सरोगेट माता से उसका जन्म हो। इसी तरीके से 1996 में एडिनबर्ग में डॉली भेड़ क्लोन के जरिये पैदा हुआ था। इस तकनीक से बिल्ली, कुत्ता, चूहा और गाय का भी क्लोन तैयार किया जा चुका है।
- शोधकर्त्ताओं की मानें तो मकाक बंदरों के क्लोन तैयार हो जाने से मानव क्लोन के मार्ग की अंतिम बाधा भी दूर हो गयी है। ऐसा इसलिए कि कि बंदर, मानव से सर्वाधिक स्वरूप वाले जानवर हैं जिनका क्लोन तैार किया गया है। शंघाई शोध टीम के वैज्ञानिक मु मिंग पो के अनुसार मकाक भी प्राइमेट है और मानव भी प्राइमेट है, इसलिए मानव का क्लोन अब तैयार जा सकता है।
- अर्थात अब वह दिन दूर नहीं है जब मानव का भी क्लोन तैयार किया जाये। अर्थात सबकुछ ठीक रहा तो और कोई नैतिकता रूपी प्रतिबंध न लगे तो बहुत जल्द ही क्लोन के माध्यम से कोई व्यक्ति अपना हमशक्ल तैयार कर सकता है।
सवाल उठने आरंभ हो गये हैं - चीनी शोधकर्त्ताओं ने जो कर दिखाया है वह निश्चित तौर पर एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। इससे भविष्य में अल्झाइमर, पार्किंसन जैसी बीमारियों का इलाज संभव हो सकेगा। परंतु इससे कई विशेषज्ञ चिंतित भी हैं। उनकी चिंता स्वाभाविक भी है। हालांकि उनका यह भी कहना है कि मानव का क्लोन बनाना तकनीकी रूप से कठिन होगा परंतु यदि ऐसा संभव होता है तो जिसके पास वित्तीय संसाधन होगा और वह महत्वाकांक्षी होगा तो अपना क्लोन बच्चा तैयार करने का प्रयास जरूर करेगा।
क्या होती है क्लोनिंग? - यदि सामान्य भाषा में कहा जाये तो किसी एकल जीव के डीएनए की कार्बन कॉपी है क्लोन। वैज्ञानिक भाषा में क्लोनिंग वह तकनीक है जिसके द्वारा किसी पादप या जानवर का आनुवंशिक रूप से समान पादप या जीव तैयार किया जाता है। कृत्रिम क्लोनिंग तीन प्रकार की होती है: जीन क्लोनिंग, रिप्रोडक्टिव क्लोनिंग व थेराप्युटिक क्लोनिंग।