-
- एस्ट्रोनॉमी व एस्ट्रोफिजिक्स पत्रिका में जर्मनी के यूनिवर्सिटी ऑफ बर्न के शोधकर्ताओं के हवाले से प्रकाशित शोध पत्र के मुताबिक ट्रैपिस्ट-1 ( TRAPPIST-1) नामक लाल दानव तारे का चक्कर लगाने वाले सात ग्रहों पर पृथ्वी की तुलना में अधिक पानी हो सकता है।
- वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इन पर पृथ्वी से 250 गुना अधिक पानी हो सकता है।
- सातों ग्रहों का आकार पृथ्वी के लगभग बराबर है।
- नए शोध के लिए वैज्ञानिकों ने स्पिट्जर और केपलर टेलीस्कोप से जुटाए गए डाटा का अध्ययन किया। हालांकि, घनत्व निकालने से ग्रह पर जीवन की संभावना का पता नहीं चलता है लेकिन उस पर मौजूद तत्वों का अंदाजा लगाया जा सकता है।
- सिमन ग्रिम के नेतृत्व में हुए शोध के बाद वैज्ञानिकों का कहना है कि ट्रैपिस्ट-1बी इस तारामंडल का सबसे निकटतम ग्रह है। इसका वायुमंडल पृथ्वी से ज्यादा घना है, वहीं भीतरी हिस्सा पथरीला है। ट्रैपिस्ट-1 सी का भी भीतरी भाग पथरीला, लेकिन बाहरी वायुमंडल पृथ्वी से कम सघन है। यदि इनका वायुमंडल सघन ना हो तो कार्बन डाइऑक्साइड जैसे भारी गैसों के उपस्थित होने की संभावना के साथ ही जीवन की संभावना भी ना के बराबर हो जाती है।
- ट्रैपिस्ट-1 डी सबसे हल्का ग्रह है। इन सभी में ट्रैपिस्ट-1 ई की विशेषताएं सबसे ज्यादा चौकाने वाली थीं। पृथ्वी से मिलता-जुलता आकार, घनत्व और ग्रहण किए विकिरण की मात्र इस ग्रह पर जीवन की संभावना को और बढ़ा रही है।
- शोधकर्ता अब शेष बचे पांच खासकर ट्रैपिस्ट-1 ई पर जीवन की संभावना तलाशने के लिए शोध पर जोर देंगे।
क्या है ट्रैपिस्ट-1
-
- वर्ष 2016-17 में खगोलविदों ने सात ग्रहों वाली ट्रैपिस्ट-1 स्टार प्रणाली खोजने की घोषणा की थी। चिली स्थित ट्रांजिटिंग प्लैनेट एंड प्लैनेटेसिमॉल्स स्मॉल टेलीस्कोप (Transiting Planets and Planetesimals Small Telescope: TRAPPIST)) के नाम पर इस स्टार सिस्टम का नाम ट्रैपिस्ट-1 रखा गया था। फरवरी 2016 में इसी टेलीस्कोप से इस तारामंडल के दो ग्रह खोजे गए थे।
- पुनः वर्ष 2017 में नासा के स्पिट्जर स्पेस टेलीस्कोप ने पृथ्वी पर स्थित टेलीस्कोप के साथ साझा प्रयास में अन्य पांच ग्रहों को खोजा। इसके बाद इनका नाम ट्रैपिस्ट-1 ए, बी, सी, डी, ई, एफ और जी रखा गया।
- खगोलविदों के अनुसार ट्रैपिस्ट-1 के नजदीक स्थित ग्रहों पर पानी जलवाष्प और सुदूर स्थित ग्रहों पर बर्फ की अवस्था में मौजूद हो सकता है।