TATA-CRISPR (क्लस्टर्ड रेगुलरली इंटरस्पेस्ड शार्ट पालिंड्रोमिक रिपीट-Clustered Regularly Interspaced Short Palindromic Repeats: CRISPR) जांच को नोवेल कोरोनावायरस का पता लगाने के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया (डीसीजीआई) से व्यावसायिक शुरुआत के लिए विनियामक मंजूरी मिल गयी।
- इसका नाम फेलुदा (FELUDA) रखा गया है।
- इस जांच में एसएआरएस – कोव-2 (SARS-CoV2) वायरस के जीनोमिक अनुक्रम का पता लगाने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित एकअत्याधुनिक सीआरआईएसपीआर (CRISPR) तकनीक का उपयोग होता है।
- टाटा सीआरआईएसपीआरजांच कोविड -19 के वायरस का सफलतापूर्वक पता लगाने के लिए विशेष रूप से अनुकूलित सीएएस9 (Cas9) प्रोटीन को तैनात करने वाला दुनिया का पहला नैदानिक जांच है।
- टाटा सीआरआईएसपीआर जांचपारंपरिक आरटी-पीसीआर परीक्षणों की सटीकता के स्तर को तेज गति से कम समय में, कम महंगे उपकरणऔर आसान उपयोग के साथ हासिल करता है। इसके अलावा, सीआरआईएसपीआरभविष्य की एक तकनीक है जिसे आने वाले समय में कई अन्य रोगजनकों का पता लगाने के लिए भी तैयार किया जा सकता है।
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