- भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ- सुभाष काक ने रोबोट द्वारा मानव की नौकरियों को हड़पने के प्रति सावधान करते हुये चेतावनी दी है कि यदि मनुष्य की जगह रोबोट को इसी दर से नियोजित किया जाता रहा तो मनुष्य को ‘हेलिश डायस्टोपिया’ (Hellish Dystopia) में रहने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
- अमेरिका के ओक्लाहामा विश्वविद्यालय में कार्यरत डॉ- काक के अनुसार रोजगार मनुष्य को अपना मूल्य एवं अहमीयत का एहसास कराता है। रोबोट द्वारा नौकरियों के छिने जाने के पश्चात मनुष्य को अर्थहीन दुर्गति का जीवन जीने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
- उन्होंने उस रिपोर्ट की ओर इशारा किया जिसमें कहा गया है कि वर्ष 2030 तक 800 मिलियन (80 करोड़) कर्मचारियों का स्थान रोबोट ले लेगा।
- उनके मुताबिक मौजूदा विश्व में उग्रवाद का पढ़ना डायस्टोपियन भविष्य की ओर इशारा करता है।
क्या है हेलिश डायस्टोपियाः डायस्टोपिया, यूटोपिया (कल्पनालोक) का विलोम है। हेलिश यानी नारकीय व डायस्टोपिया मतलब बदतर दुनिया। विश्व साहित्य में हेलिश डायस्टोपिया से तात्पर्य ऐसी दुनिया से है जो मानव अस्तित्व के लिए नारकीय होगी।