भारत सरकार, कर्नाटक और ओडिशा की राज्य सरकारों एवं विश्व बैंक ने 115 मिलियन डॉलर (869 करोड़ रुपये) के कार्यक्रम ‘रिवार्ड-नवोन्मेषी विकास के माध्यम से कृषि को सहनीय बनाने के लिए जल-विभाजक क्षेत्र का कायाकल्प कार्यक्रम (Rejuvenating Watersheds for Agricultural Resilience through Innovative Development: REWARD) पर हस्ताक्षर किए हैं ।
- कार्यक्रम राष्ट्रीय और राज्य संस्थानों को जल-विभाजक क्षेत्र प्रबंधन के बेहतर तौर-तरीकों को अपनाने में मदद करेगा। इससे जलवायु परिवर्तन के प्रति किसानों की सहनीयता को बढ़ाने में मदद मिलेगी तथा अधिक उत्पादन व बेहतर आय को भी बढ़ावा मिलेगा।
- प्रभावी जल-विभाजक क्षेत्र प्रबंधन से वर्षा पर निर्भर क्षेत्रों में आजीविका बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे सहनीय खाद्य प्रणाली का निर्माण होगा।
- दुनिया के सबसे बड़े जल-विभाजक क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रमों में से एक को भारत में लागू किया जा रहा है। यह कार्यक्रम व्यापक स्थानिक डेटा और प्रौद्योगिकियों, निर्णय समर्थन उपकरणों एवं ज्ञान के आदान-प्रदान को विकसित व लागू करके प्रगति को आगे बढ़ाएगा।
- अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (आईबीआरडी) कर्नाटक को 60 मिलियन डॉलर (453.5 करोड़ रुपये), ओडिशा को 49 मिलियन डॉलर (370 करोड़ रुपये) और केंद्र सरकार के भूमि संसाधन विभाग को शेष 6 मिलियन डॉलर (45.5 करोड़ रुपये) प्रदान करेगा। 115 मिलियन डॉलर (869 करोड़ रुपये) ऋण की परिपक्वता अवधि 15 वर्ष है, जिसमें 4.5 वर्ष की छूट अवधि भी शामिल है।
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