- मिस्र में दिसंबर 1996 में भूविज्ञानी अली बराकत बराकत ने एक रहस्यमयी चट्टान खोजा था। यह चट्टान आकाशीय पिंड था।
- इस आकाशीय चट्टान को एलेक्जेंड्रिया की महिला गणितज्ञ व खगोलशास्त्री हायपेशिया के नाम पर ‘हायपेशिया चट्टान’ (The Hypatia stone) नाम दिया गया।
- तत्समय इसे उल्का समझा गया था किंतु इसके आकार के कारण आधिकारिक रूप से इसे उल्का नहीं माना गया।
- यूनिवर्सिटी ऑफ जोहांसबर्ग के हालिया शोध ने इस चट्टान के रहस्य पर से पर्दा हटाया है। नये शोध के मुताबिक इस चट्टान में ऐसे खनिज व रासायनिक तत्वों का ऐसा अनुपात पाया गया है जो अब तक हमारी सौर प्रणाली के किसी पिंड में नहीं देखा गया था।
- उपर्युक्त शोध के आधार पर शोधकर्त्ताओं ने पुष्टि की है कि यह अलौकिक (extraterrestrial) चट्टान का निर्माण उस समय हुआ होगा जब हमारा ब्रह्मांड अपना स्वरूप अख्तियार कर रहा था और यह सूर्य एवं उसका चक्कर लगाने वाले ग्रहों से पहले ही निर्मित हुआ था।