भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संगठन ‘इसरो’ के PSLV-C52 यान ने 14 फरवरी को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, शार, श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) के पहले लॉन्च पैड से पृथ्वी अवलोकन उपग्रह EOS-4 और दो सह-यात्री प्रौद्योगिकी प्रदर्शक और वैज्ञानिक उपग्रहों को सफलतापूर्वक लॉन्च किया।
- एसडीएससी शार, श्रीहरिकोटा से यह 80वां प्रक्षेपण यान मिशन; पीएसएलवी की 54वीं उड़ान; और एक्सएल विन्यास में पीएसएलवी की 23वीं उड़ान (6 स्ट्रैप-ऑन मोटर्स) थीं।
- यह इस साल देश का पहला मिशन भी था। वास्तव में, अगस्त 2021 में GSLV F10 मिशन की विफलता के बाद से यह पहला मिशन था।
EOS-04
- EOS-04 एक रडार इमेजिंग सैटेलाइट है जिसे कृषि, वानिकी और वृक्षारोपण, मिट्टी की नमी और जल विज्ञान और बाढ़ मानचित्रण जैसे अनुप्रयोगों के लिए सभी मौसम की स्थिति में उच्च गुणवत्ता वाली छवियां प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- लगभग 1710 किलोग्राम वजनी यह उपग्रह 2280 वाट बिजली उत्पन्न करता है और इसकी मिशन अवधि 10 वर्ष है। PSLV-C52 ने दो छोटे उपग्रहों को भी कक्षा में स्थापित किया।
- INSPIREsat-1 कोलोराडो विश्वविद्यालय में वायुमंडलीय और अंतरिक्ष भौतिकी की प्रयोगशाला के सहयोग से भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (IIST) का एक छात्र उपग्रह है।
- INS-2TD इसरो का एक बोल्डर और प्रौद्योगिकी प्रदर्शक उपग्रह है, जो भारत-भूटान संयुक्त उपग्रह (आईएनएस-2बी) का अग्रदूत है।