भविष्य के युद्ध पर गंभीर विचार-विमर्श और विश्लेषण के साथ दो दिवसीय प्रज्ञान सम्मेलन 2020 ( Pragyan Conclave 2020 ) नई दिल्ली में 5 मार्च 2020 को संपन्न हुआ।
संगोष्ठी में विशेष संबोधन उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एस के सैनी द्वारा किया गया। लेफ्टिनेंट जनरल एस के सैनी ने दोहराया कि युद्ध की प्रकृति बनी रहती है लेकिन उसकी विशेषता बदलती रहती है।
पहले सत्र में “’ट्रांसफॉरमेशन इन द बैटलस्पेसेज” विषय पर चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने 21वीं सदी के युद्ध स्थल में परिवर्तन पर, विशेष कर अग्नेय शक्ति और अन्य युद्ध साजोसामान के संदर्भ में, फोकस किया।
दूसरे सत्र में “हाइब्रिड/सबकंवेंशनल वारफेययर” विषय पर चर्चा हुई। इसमें धुंधले क्षेत्र में कार्रवाई, शहरी युद्ध, बिना सरकारी समर्थन के लड़ाकुओं और प्रौद्योगिकी तथा सोशल मीडिया जैसी समकालीन चुनौतियों पर चर्चा की गई।
दो दिन (4-5 मार्च) की इस अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में चार सत्रों में चार अलग अलग विषयों पर सार्थक चर्चा हुई।
प्रज्ञान 2020 संपन्न होने के साथ भारतीय सेना से संबद्ध स्वायत्त थिंक टैंक सीएलएडब्ल्यूएस ( Centre for Land Warfare Studies: CLAWS) ) ने बदलते सुरक्षा परिदृश्य और जमीनी युद्ध की विकसित प्रकृति में भारत की रणनीतिक और सैन्य सोच को आगे बढ़ाकर एक और उपलब्धि हासिल की।