- अंतरराष्ट्रीय संगठन ‘विश्व आर्थिक मंच’ (World Economic Forum-WEF) के दावोस वार्षिक सम्मेलन (23-26 जनवरी) 2018 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 23 जनवरी, 2018 को संबोधित किया।
- वर्ष 2018 के सम्मेलन का थीम था ‘विभाजित विश्व में साझा भविष्य का सृजन’ (Creating a Shared Future in a Fractured World)।
- इस वर्ष सम्मेलन के दौरान समावेशी विकास सूचकांक, आपदा जोखिम सूचकांक, वैश्विक विनिर्माण सूचकांक भी जारी किये गये।
- विगत दो दशकों में श्री नरेंद्र मोदी भारत के दूसरे प्रधानमंत्री हैं जो विश्व आर्थिक मंच के सम्मेलन में भाग लिया। इससे पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री एच.डी.देवगोड़ा ने 1997 में विश्व आर्थिक मंच सम्मेलन में भाग लिया था।
- सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडेउ से भी मुलाकात की।
प्रधानमंत्री के संबोधन के मुख्य अंशः
- प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विश्व आर्थिक मंच को हिंदी में संबोधित किया। कई बार उन्होंने अंग्रेजी वाक्यों का भी प्रयोग किया। अपने संबोधन में उन्होंने निम्नलिखित का उल्लेख किया:
1. भारत एक ऐसा देश है जो विविधता होने के बावजूद सभी सौहार्द्रपूर्वक रहते आ रहे हैं और आगे भी ऐसे ही रहेंगे।
2. 1987 में जब भारत के प्रधानमंत्री श्री देवगोड़ा ने हिस्सा लिया था तब भारतीय अर्थव्यवस्था महज 400 अरब डॉलर की थी जो आज बढ़कर 2400 अरब डॉलर (6 गुणा बढ़ोतरी) हो गयी है। वर्ष 2025 तक भारत 5 ट्रिलियन डॉलर (5 खरब) की अर्थव्यवस्था होगी।
3. तकनीकी चालित बदलाव वे हमारे जीने के तरीके को बदल दिया है। आज सोशल मीडिया व डाटा की भूमिका बढ़ गयी है। बिग डाटा, कोबोट, आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस आधुनिक प्रौद्योगिकियां हैं। परंतु जो प्रौद्योगिकी हमें जोड़ रही है वह हमें विभाजित भी कर रही है और हमारे बीच बाधा भी खड़ी रही है। इस बाधा ने गरीबी व बेरोजगारी बढ़ायी है। इस दौर में भी भारत ‘वसुधैव कुटुंबकम’ को बढ़ावा दे रहा हे।
4. प्रधानमंत्री विश्व को तीन सबसे बड़ी चुनौतियों से निपटने का आह्वान किया_ जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद व कुछ देशों द्वारा घरेलू उपाय करने के कारण वैश्वीकरण को खतरा।
5. प्रधानमंत्री के अनुसार कुुछ देश घरेलू संरक्षणवाद को बढ़ावा देकर वैश्विक व्यापार में बाधा खड़ा कर रहे हैं जो वैश्वीकरण के लिए बड़ा खतरा है।
6. भारत इन चुनौतियों से निपटने के लिए अपने स्तर पर बड़ा प्रयास कर रहा है। भारत जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए स्वच्छ ऊर्जा पर बल दे रहा है। वर्ष 2022 तक 175 गीगावाट अक्षय ऊर्जा सृजन का लक्ष्य इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिये। साथ ही भारत द्वारा सोलर अलाएंस का गठन भी इसी दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
7. आतंकवाद को ‘अच्छा आतंकवाद’ व ‘बुरा आतंकवाद’ में भेद करने की जरूरत नहीं है। खासकर तब जब आज पढ़े-लिख नौजवान रैडिक्लाइज्ड हो रहे हैं।
9. भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मार्ग में बाधा खड़ी करने वाली 1400 कानूनों को समाप्त कर दिया गया है। इससे लाइसेंस परमिट राज खत्म हो गयी है। अब विदेशी निवेशकों के समक्ष रेड टेप जैसी स्थिति नहीं है बल्कि रेड कार्पेट बिछाया जा रहा है।
9. जीएसटी लागू करना, पारदर्शिता व जवाबदेही बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना भारत को बेहतर बनाने की दिशा में प्रयास है।
10. उन्होंने रवींद्रनाथ टैगोर की एक कविता का हवाला देकर विश्व को साथ-साथ चलने का आह्वान किया।क्या है विश्व आर्थिक मंच?
- विश्व आर्थिक मंच स्विटजरलैंड स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था है। यह लोक-निजी भागीदारी आधारित एक संगठन है।
- इसकी स्थापना 1971 में क्लॉस श्वाब द्वारा की गई थी जो इसके अध्यक्ष भी हैं।
- इसका मुख्यालय स्विजरलैंड के जेनेवा स्थित कोलोन में स्थित है।
- यह सम्मेलन मुख्य तौर पर अपने वार्षिक दावोस सम्मेलन (स्विटजरलैंड) के लिए जाना जाता है जो पूर्वी आल्पस पर्वत क्षेत्र के ग्रैउबुंदेन रिसोर्ट में स्थित है।