- ओडिशा के मयूरभंज जिला के जंगलों में रहने वाले अर्द्ध खानाबदोस आदिम जनजाति समूह ‘मानकिडिया’ (Mankidia) को वैध पर्यावास अधिकार (recognised habitat right) देने की प्रक्रिया आरंभ की गई है। हालांकि बाद में राज्य वन विभाग बाघ हमलों का बहाना बनाकर फिलहाल यह अधिकार देने से मना कर दिया
- मयूरभंज जिला प्रशासन ने इस आदिम जनजाति के सदस्यों को सिमलीपाल अभ्यारण्य क्षेत्र में पर्यावास अधिकार का दावा करने हेतु आवेदन देने के लिए प्रेरित कर रहा है।
- यदि सफलतापूर्वक संपन्न होता है जो वन अधिकार कानून के तहत पर्यावास का अधिकार (habitat right) प्राप्त करने वाले मानकिडिया, 13 आदिम जनजातियों में पहली जनजाति होगी।
- ज्ञातव्य है कि स्वतंत्रता के पश्चात भी मानकिडिया को मुख्यधारा में नहीं लाया गया है। उनके पिछड़ेपन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2010 में मानकिडिया समुदाय से पहली बार कोई मैट्रिक पास किया।
- मानकिडिया जनजाति को पर्यावास का अधिकार का दावा पर विचार संबंधित गांव का ग्राम सभा करेगा।