नीति आयोग के सदस्य श्री वी.के. सारस्वत ने 10 जून, 2020 को पीएचडी चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स के एक वर्चुअल आयोजन को संबोधित करते हुए घरेलू उद्योग को समतुल्यता प्रदान के लिए आयात पर ‘सीमा समायोजन शुल्क’ (Border Adjustment Tax : BAT) आरोपित करने की वकालत की।
कारणः श्री सारस्वत के मुताबिक यूएसए एवं चीन के बीच व्यापार युद्ध पहले से काफी बढ़ गया है और कोविड-19 के आलोक में इसके और बढ़ने की संभावना है। इसको देखते हुए, कि भारत का घरेलू उद्योग आयात से प्रतिस्पर्धा कर सके, आयात पर सीमा समायोजन शुल्क लगाया जाना चाहिए।
क्या है बॉर्डर एडजस्टमेंट टैक्स (बीएटी)?
बीएटी एक प्रस्तावित कर है जो बंदरगाहों पर आरोपित आयात शुल्क के अलावा आयातीत वस्तुओं पर लगाया जाएगा। यह देश से निर्यात होने वाली वस्तुओं पर आरोपित नहीं किया जाता।
श्री सारस्वत का तर्क है कि भारत में घरेलू उद्योगों पर विद्युत शुल्क, मंडी कर, स्वच्छ ऊर्जा अधिभार एवं रॉयल्टी जैसे कई प्रकार के कर लगाये जाते हैं जिससे वस्तुओं का मूल्य काफी बढ़ जाता है। इस वजह से सस्ती होने की वजह से आयातीत वस्तुओं को भारतीय बाजारों में मूल्य लाभ प्राप्त हो जाता है।
इसी प्ररिप्रेक्ष्य में आयात पर अलग से बॉर्डर एडजस्टमेंट टैक्स आरोपित किया जाना चाहिए।