- केंद्रीय संचार मंत्री श्री मनोज सिन्हा ने 29 जनवरी, 2018 को नई दिल्ली में डाकियों (पुरुष एवं महिला दोनों ही) तथा एमटीएस (मल्टी टास्किंग स्टाफ) के लिए नई डिजाइन की गई खादी की वर्दी लांच की।
- नई डिजाइन की गई वर्दी से 90,000 डाकिये, मेल गार्ड, लाभान्वित होंगे। इस वर्दी को डाक विभाग ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय फैशन टेक्नोलॉजी संस्थान (एनआईएफटी) के परामर्श से फिर से डिजाइन की है।
- सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर प्रत्येक डाकिये को प्रतिवर्ष 5,000 रुपये वर्दी भत्ता दिया जाएगा।
- खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) देश के प्रत्येक जिले में अपने बिक्री केंद्रों से डाकियों के लिए वर्दी उपलब्ध कराएगा।
- फिर से डिजाइन का कारणः नयी वर्दी डाकियों की कार्यक्षमता, आराम एवं स्थायित्व को ध्यान में रखते हुए की गई है। केंद्रीय डाक विभाग का मानना है कि लोगों के बीच उसकी पहचान व विश्वसनीयता का माध्यम डाकिये होते हैं। इस रूप में डाकिया, डाक विभाग का चेहरा होता है क्योंकि वह गांव व शहर के प्रत्येक दरवाजे पर जाकर पत्र एवं पार्सल को उसके गंतव्य तक पहुंचाता है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि जो वर्दी वह पहनता है, जिसके द्वारा उसकी पहचान विभाग से जुड़ती है, वह ऐसी होनी चाहिए कि वह विशिष्ट दिखे। चूंकि भारतीय संस्कृति का हिस्सा रही है और देश के सभी क्षेत्रें के लिए यह आरामदायक व सहज भी है, इसलिए इसे डाकियों की वर्दी के लिए उपयुक्त पाया गया।