विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधीनस्थ स्वायत्त निकाय ‘रामन अनुसंधान संस्थान (आरआरआई)’ के अनुसंधानकर्ताओं ने एन्टैंगलमेंट सिद्धांत (entanglement theory) का उपयोग करते हुए क्वांटम सिक्का अथवा ‘क्यूबिट’ (cubit) की सटीकता जानने के लिए एक नया परीक्षण विकसित किया है, जो क्वांटम कम्प्यूटर में सूचना की बुनियादी या मूल यूनिट है।
यह दरअसल क्वांटम की स्थिति की पहचान करने में एक उल्लेखनीय योगदान है, जो क्वांटम सूचना विज्ञान का एक आवश्यक पहलू है। इससे क्वांटम सेंसिंग पर उल्लेखनीय असर पड़ने की आशा है। नए परीक्षण में ‘एन्टैंगलमेंट’ का उपयोग किया जाता है, ताकि क्वांटम सिक्के की सटीकता का परीक्षण किया जा सके।
एन्टैंगलमेंट सिद्धांत (entanglement theory)
‘एन्टैंगलमेंट’ दरअसल एक विशेष प्रकार का सह-संबंध है जो क्वांटम की दुनिया में मौजूद है और जिसका कोई पारम्परिक समकक्ष नहीं है। आरआरआई के अनुसंधानकर्ताओं ने इस क्वांटम संसाधन का उपयोग किया, ताकि क्वांटम सिक्के (क्यूबिट) की सटीकता जानने के लिए कोई विशिष्ट परीक्षण विकसित किया जा सके। इस रणनीति में ‘एन्टैंगलमेंट’ का उपयोग किया जाता है और इससे क्वांटम की स्थितियों की पहचान बेहतर ढंग से हो सकती है। इस तरह की अनुकूल स्थिति क्वांटम सेंसरों में अत्यंत अहम होती है।
इस नए परीक्षण के बारे में भौतिक विज्ञान से जुड़ी पत्रिका ‘प्रमाण’ में बताया गया है और इससे संबंधित शोध पत्र (पेपर) ‘इंटरनेशनल जर्नल ऑफ क्वांटम इन्फॉरमेशन’ में प्रकाशित किया गया है।
यह नया परीक्षण दरअसल क्वांटम की स्थिति की पहचान करने वाले क्षेत्र में एक उल्लेखनीय योगदान है, जो क्वांटम सूचना विज्ञान का एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह क्वांटम की स्थिति की पहचान करने से जुड़ी हमारी क्षमता को बेहतर करने में ‘एन्टैंगलमेंट’ की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। इस महत्वपूर्ण कार्य में अनुसंधानकर्ताओं ने आईबीएम क्वांटम कम्प्यूटर की सिमुलेशन सुविधा से जुड़े सैद्धांतिक आइडिया पर बिल्कुल सही ढंग से अमल किया है। अनुसंधानकर्ताओं ने आईबीएम क्वांटम कम्प्यूटर पर विभिन्न प्रयोग भी किए हैं जिनसे प्रायोगिक हार्डवेयर की कमियां उभर कर सामने आई हैं। इन अनुसंधानकर्ताओं के ठोस प्रयासों से आईबीएम क्वांटम कंप्यूटिंग सुविधा में इस्तेमाल किए गए प्रायोगिक उपकरणों को बेहतर करने का मार्ग प्रशस्त होगा। इसके तहत असम्बद्धता के कारण गेट संबंधी त्रुटियों और आवाज को कम किया जाता है।
बार-बार परीक्षण के जरिए किसी भी पारम्परिक सिक्के की सटीकता को पूरे विश्वास के साथ जाना जा सकता है। परीक्षण की संख्या बढ़ने के साथ ही इससे जुड़ा विश्वास भी बढ़ता जाता है।
क्वांटम सूचना और क्वांटम कम्प्यूटिंग प्रौद्योगिकी पर हो रहे अनुसंधान में काफी तेजी आई है। इससे ‘डेटा प्रोसेसिंग’ पर व्यापक असर पड़ने की आशा है, जो सूचना के इस युग में हमारे जीवन में केन्द्रीय भूमिका निभाती है। उदाहरण के लिए, बैंकिंग से जुड़े लेन-देन; ऑनलाइन शॉपिंग; इत्यादि सूचनाओं की आवाजाही की दक्षता पर काफी हद तक निर्भर करते हैं। अत: क्वांटम की स्थिति की पहचान करने से जुड़े नये परीक्षण के आज के जमाने के लोगों के जीवन में काफी महत्वपूर्ण साबित होने की आशा है।