भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (NBFC) को त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (PCA: prompt corrective action) ढांचे के दायरे में लाने का फैसला किया है।
- ढांचे के तहत, गैर-निष्पादित आस्तियों, पूंजी पर्याप्तता अनुपात और टियर 1 पूंजी जैसे कुछ मानकों के निर्धारित स्तर से नीचे गिरने पर एनबीएफसी को प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा।
- एनबीएफसी के लिए पीसीए ढांचा 31 मार्च, 2022 को या उसके बाद एनबीएफसी की वित्तीय स्थिति के आधार पर 1 अक्टूबर, 2022 से प्रभावी होगा।
- यह सभी जमा लेने वाली एनबीएफसी के लिए लागू होगा, हालांकि, जो जमा नहीं ले रहे हैं और 1,000 करोड़ रुपये से कम की संपत्ति वाली NBFC , प्राथमिक डीलरों, सरकारी स्वामित्व वाली NBFC और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को इस ढांचे से छूट दी गई है।
- आरबीआई के अनुसार इस फ्रेमवर्क का उद्देश्य उचित समय पर पर्यवेक्षी हस्तक्षेप को सक्षम करना है और पर्यवेक्षित इकाई को समय पर सुधारात्मक उपायों को शुरू करने और लागू करने की आवश्यकता है, ताकि इनके वित्तीय स्वास्थ्य को बहाल किया जा सके।