केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने सीवर और सेप्टिक टैंकों की सफाई हेतु उपयुक्त प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए ‘टेक्नोलॉजी चैलेंज’ का शुभारंभ किया है, जिसका उद्देश्य सेप्टिक टैंक/मैनहोल इत्यादि में मानव प्रवेश की जरूरत को समाप्त करना है।
- यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप है जिन्होंने 4 मई, 2018 को अपनी अध्यक्षता में आयोजित एक बैठक में सीवर और सेप्टिक टैंकों की सफाई के लिए उनमें मानव प्रवेश की जरूरत को समाप्त करने हेतु नवीनतम प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए एक ‘टेक्नोलॉजी चैलेंज’ की शुरुआत किए जाने की इच्छा जताई थी।
- आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने स्वयं को यह जिम्मेदारी दिए जाने के बाद अब ‘टेक्नोलॉजी चैलेंजः सीवरेज प्रणालियों और सेप्टिक टैंकों की सफाई के लिए उपयुक्त समाधानों की पहचान करने’ का शुभारंभ किया है।
- यह चैलेंज महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन का एक हिस्सा होगा, जिसका आयोजन 2 अक्टूबर, 2018 को होगा। यह चैलेंज 14 अगस्त, 2018 तक सायं 17:30 बजे तक मान्य रहेगा।
टेक्नोलॉजी चैलेंज
- सीवर ड्र्रेन और सेप्टिक टैंकों की सफाई के लिए उनमें मानव प्रवेश की जरूरत को समाप्त करना इस चैलेंज का अंतिम लक्ष्य है। भारत सरकार के आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने सीवर और सेप्टिक टैंकों की सफाई के लिए उनमें मानव प्रवेश की जरूरत को समाप्त करने में मददगार अभिनव प्रौद्योगिकियों को उपलब्ध कराने के लिए इच्छुक अन्वेषकों, व्यक्तियों, कंसोर्टियम के साझेदारों, कंपनियों, अकादमिक संस्थानों, अनुसंधान एवं विकास केन्द्रों, गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ), सरकारी एवं नगरपालिका निकायों से प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं।
- यह चैलेंज दो पृथक श्रेणियों में आयोजित किया जाएगा। श्रेणी ए – सीवरेज प्रणालियों की सफाई एवं रख-रखाव के लिए ऐसे तकनीकी समाधान जो उनमें मानव प्रवेश की जरूरत को समाप्त कर दे। श्रेणी बी – सेप्टिक टैंकों की सफाई एवं रख-रखाव के लिए ऐसे तकनीकी समाधान जो उनमें मानव प्रवेश की जरूरत को समाप्त कर दे।