- केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने हवाई अड्डों पर विमान यात्रियों को उपलब्ध कराई जाने वाली बायोमेट्रिक आधारित डिजिटल प्रोसेसिंग सेवा- ‘डिजी यात्रा प्लेटफॉर्म’ (Digi Yatra) की नीति जारी कर दी।
- श्री प्रभु ने कहा कि उनके मंत्रालय ने डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से विमान यात्रियों के लिए देश भर के हवाई अड्डों पर टिकट बुकिंग तथा अन्य सुविधाएं प्राप्त करने के लिए एकसमान व्यवस्था की है।
- डिजी यात्रा प्लेटफॉर्म के लिए मानक तय करने के लिए एक तकनीकी कार्यसमिति बनाई गई है जिसमें हवाई अड्डों के संचालकों, विमान सेवा देने वाली कम्पनियों और नागरिक उड्डयन क्षेत्र के प्रतिनिधि शामिल हैं।
- डिजी यात्रा प्लेटफॉर्म फरवरी, 2019 के अंत तक शुरू हो जाएगा। बेंगलुरु और हैदराबाद के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर इसे पायलट स्तर पर शुरू किया जाएगा। जिसके बाद अप्रैल, 2019 तक इसे कोलकाता, वाराणसी, पुणे और विजयवाड़ा के हवाई अड्डों पर भी उपलब्ध करा दिया जाएगा।
- डिजी यात्रा प्लेटफॉर्म के माध्यम से भविष्य में हवाई अड्डों पर यात्रियों को उनके इच्छानुसार अभिनव सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसका सबसे ज्यादा फायदा विमान यात्रियों को ही होगा। घर से लेकर हवाई अड्डे तक विमान यात्रियों को यात्रा से जुड़ी सेवाएं उपलब्ध कराने वाली एजेंसियां इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर सकेंगी।
- यह डिजिटल आधारित ऐसी प्रणाली है जिससे यात्रियों की पहचान उनके चेहरे से की जा सकेगी। यह हवाई अड्डे में प्रवेश करने और विमान पर सवार होने तक यात्रियों को यात्रा का सहज अनुभव कराएगी।
- इस प्रणाली के तहत यात्रियों का एक केन्द्रीयकृत प्रणाली के जरिए पंजीकरण किया जाएगा और उन्हें डिजी यात्रा आईडी दी जाएगी। आईडी में यात्रियों का नाम, उनकी ई-मेल आईडी, मोबाइल नंबर और आधार न होने की स्थिति में कोई अन्य पहचान पत्र का विवरण होगा। टिकट बुक कराते समय यात्री इस आईडी का इस्तेमाल कर सकेंगे। श्री सिन्हा ने कहा कि डिजी यात्रा आईडी बनाने वाले यात्री को उस हवाई अड्डे पर पहली और अंतिम बार अपना सत्यापन कराना होगा जहां से वह प्रस्थान करने वाला है।
- “डिजीयात्रा” योजना, यूनिक आईडी जैसे भारतीय नागरिकों के आधार, पासपोर्ट या पैन कार्ड को पीएनआर की बुकिंग के लिए लिंक करेगी। बुकिंग के समय स्वचालित प्रणाली हवाई टिकट के साथ अद्वितीय पहचान (यूआईडी) लिंक करेगी।
- डिजी यात्रा के जरिए विमान सेवा कम्पनियां टर्मिनल पर मौजूद अपने यात्रियों की स्थिति की पूरी जानकारी हासिल कर सकेंगी। इससे यात्रियों के समय पर न पहुंचने या उनके गुम हो जाने की स्थिति में उड़ान में देरी जैसी समस्या नहीं होगी। इसके साथ ही हवाई अड्ड़े पर यात्रियों की सुरक्षा जांच भी सुगम हो जाएगी।