462 नये एकलव्‍य मॉडल रेजीडेंशियल स्‍कूल खोले जाएंगे

  • आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीयसमिति ने 17 दिसंबर, 2018 को 50 प्रतिशत से ज्यादा जनजातीय आबादी और 20,000 जनजातीय व्यक्तियों वाले प्रत्येक प्रखंड में एकलव्य मॉडल रेजीडेंशियल स्कूल (ईएमआरएस) खोलने को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
  • शुरूआत में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीयसमिति नेइस योजना को प्रारंभ करने के लिए वित्‍त वर्ष 2018-19 और वित्‍त वर्ष 2019-20 के दौरान 2242.03 करोड़ रुपये की वित्‍तीय लागत को मंजूरी दी है।
  • ईएमआरएस के संचालन के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय के अंतर्गत नवोदय विद्यालय समिति के समान स्‍वायत्‍त संस्‍था होगी।
  • पहले से स्‍वीकृत ईएमआरएस मेंप्रति स्‍कूल 5 करोड़ रूपये तक की अधिकतम राशि की इकाई लागत के आधार पर आवश्‍यकता के अनुसार सुधार कार्य किया जाएगा।
  • 163 जनजातीय बहुल जिलों में प्रति 5 करोड़ रूपये इकाई लागत वाली खेल सुविधाओं की स्‍थापना की जाएगी, जिनमें से प्रत्‍येक का निर्माण 2022 तक कर लिया जाएगा। वित्‍त वर्ष 2018-19 और वित्‍त वर्ष 2019-20 के दौरान 15 खेल सुविधाओं के लिए वित्‍तीय प्रावधानों को स्‍वीकृति दी गई है।
  • रखरखाव के लिए आर्थिक सहायता जो प्रति पांच वर्ष के लिए 10 लाख रुपये स्‍वीकार्य है, को बढ़ाकर 20 लाख रुपये की गई।
  • ऐसे 102 प्रखंडों में पहले से ईएमआरएसका संचालन किया जा रहा है। इस प्रकार देश भर में इन प्रखंडों में 462 नये ईएमआरएस की स्‍थापना की जाएगी।
  • नई योजना में निर्माण की गुणवत्‍ता में सुधार लाने तथा छात्रों को बेहतर सुविधाओं की उपलब्‍धता सुनिश्चित करने के लिए ईएमआरएस की निर्माण लागत को मौजूदा 12 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये करने की परिकल्‍पना की गई है।
  • वित्‍त वर्ष 2019-20 से छात्रों पर बार-बार होने वाले खर्च की राशि मौजूदा 61,500 रूपये प्रति छात्र से बढ़ाकर 1,09,000 रूपये की जाएगी।
  • पूर्वोत्‍तर, पर्वतीय क्षेत्रों, दुर्गम क्षेत्रों तथा वामपंथी उग्रवाद से ग्रसित क्षेत्रों में निर्माण के लिए 20 प्रतिशत अतिरिक्‍त राशि उपलब्‍ध कराई जाएगी।

पृष्‍ठभूमि

  • अनुसूचित जनजाति के बच्‍चों को अच्‍छी शिक्षा प्रदान करने के लिए ईएमआरएस एक उत्‍कृष्‍ट दृष्टिकोण है। ईएमआरएस में छात्रावासों और स्‍टॉफ क्‍वार्टरों सहित स्‍कूल की इमारत के निर्माण के अलावा खेल के मैदान, छात्रों के लिए कम्‍प्‍यूटर लैब, शिक्षकों के लिए संसाधन कक्ष आदि का भी प्रावधान किया गया है। इस पहल से जनजा‍तीय छात्रों को अपार लाभ होगा।
  • जनजातीय लोगों की शिक्षा संबंधी जरूरतों को पूरा करने संबंधी विशेष हस्‍तक्षेपों पर ध्‍यान केन्द्रित किये जाने से उनके जीवनमें सुधार आने और अन्‍य सामाजिक समूहों के समकक्ष आने की संभावना है और इसका प्रभाव 2021 की जनगणना में परिलक्षित होगा।

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