प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने 10 जनवरी, 2018 को संसद सदस्य क्षेत्रीय विकास योजना (एमपीलैड्स- Members of Parliament Local Area Development Scheme :MPLADS)) को 14वें वित्त आयोग की कार्य अवधि यानी 31.03.2020 तक जारी रखने को अपनी स्वीकृति दे दी है।
–योजना को 3950 करोड़ रूपये के वार्षिक आवंटन तथा 11850 करोड़ रूपये के कुल परिव्यय के साथ अगले 3 वर्षों तक जारी रखने तथा स्वतंत्र एजेंसी (एजेंसियेां) के माध्यम से निगरानी तथा मंत्रालय द्वारा राज्य/जिला स्तर पर अधिकारियों की क्षमता में वृद्धि करने/ उन्हें दिए जाने वाले प्रशिक्षण के प्रयोजनार्थ योजना में 5 करोड़ रूपये का अतिरिक्त आवंटन किया गया है।
एमपीलैड्स की निधियां नोडल जिला प्राधिकारियों को आवश्यक दस्तावेजों के प्राप्त होने तथा एमपीलैड्स संबंधी दिशा-निर्देशों के प्रावधानों के अनुसार जारी की जाती हैं।
–एमपीलैड्स योजना के अंतर्गत पेयजल, शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता तथा सड़कों जैसे राष्ट्रीय प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में स्थानीय रूप से महसूस की गई आवश्यकताओं के आधार पर टिकाऊ परिसंपत्तियों के सृजन से देश की संपूर्ण आबादी को लाभ मिलेगा।
-इस स्कीम के तहत प्रत्येक सांसद को अपने निर्वाचन क्षेत्र में जिला कलेक्टर के माध्यम से प्रतिवर्ष 5 करोड़ रुपये का विकास कार्य करवाने का विकल्प होता है।
एमपीलैड्स योजना के फलस्वरूप ऐसी विभिन्न टिकाऊ सामुदायिक परिसंपत्तियों का सृजन किया गया है, जिन्होंने स्थानीय समुदाय के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक जीवन को किसी ने किसी रूप में प्रभावित किया है।
क्या है एमपीलैड्स योजना?
–1993-94 में लांच की गई एमपीलैड्स योजना केंद्र की जारी योजना है। योजना प्रारंभ होने के बाद से अगस्त 2017 तक एमपीलैड्स निधियों से 44,929.17 करोड़ रूपये के कुल18,82,180 कार्य स्वीकृत किए गए हैं।
-यह योजना संसद सदस्यों को उनके निर्वाचन क्षेत्रों में पेयजल, शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता, सड़कों जैसे राष्ट्रीय प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में स्थानीय रूप से महसूस की गई आवश्यकताओं के आधार पर टिकाऊ समुदाय परिसंपत्तियों के सृजन के लिए सिफारिश करने में समर्थ बनाती है। यह योजना कुछ दिशा-निर्देशों द्वारा संचालित की जाती है, जिसे अंतिम बार जून, 2016 में संशोधित किया गया।