- जापान के राष्ट्रीय खगोलीय वेधशाला (एनओओजेजे) के खगोलविदों ने हिनोद उपग्रह (Hinode) पर लगे सोलर ऑप्टिकल टेलीस्कॉप के डेटा के विश्लेषण के पश्चात सूर्य की सतह पर सीधे मापा जाने वाला सबसे मजबूत चुंबकीय क्षेत्र की पहचान की है।
- द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक इस शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र का सृजन एक सौर धब्बा से दूसरे धब्बे की ओर गैस के बहिर्वाह से हुआ।
- एक सनस्पॉट में शामिल होता है उंबरा (उर्ध्वाधर चुंबकीय क्षेत्र वाला गहरा कोर) व पेनुंबरा (क्षैतिज क्षेत्र वाली अरीय दीर्घीभूत महीन रेखाएं)। पेनुंबरा (penumbra) क्षैतिज रेखाएं के समानांतर बहिर्वाहित गैस का आश्रय स्थली है। उंबरा (umbra) का अंधकार उसकी चुंबकीय क्षेत्र की मजबूती से सह-संबंधित होता है। इसलिए प्रत्येक सौरधब्बों में सबसे मजबूत चुंबकीय क्षेत्र अधिकांश मामलों में उंबरा में होता है। हालांकि सर्बाधिक शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र उंबरा के अंधकारमय हिस्सा में नहीं बल्कि दो उंबराओं के बीच के प्रकाशित हिस्से में था।
- उंबरा में जिस चुंबकीय क्षेत्र को मापा गया उसकी शक्ति 6250 गौस था। अधिकांश सौरधब्बों में पाये जाने वाले 3000 गौस चुंबकीय क्षेत्र के मुकाबले यह दोगुना अधिक शक्ति वाला चुंबकीय क्षेत्र था।
क्या होता है सौर धब्बा?
- सूर्य के फोटोस्फेयर में उसके धरातल पर स्थित अपेक्षाकृत अंधकारमय व शीतल क्षेत्र है सनस्पॉट या सौर धब्बे।
- ये सूर्य के सक्रिय या एक्टिव क्षेत्र कहे जाते हैं।
- जहां फोटोस्फेयर का तापमान 5800 डिग्री केल्विन होता है वहीं सौरधब्बों का तापमान 3800 डिग्री केल्विन है। यह फोटोस्फेयर की तुलना में ही अंधेरा दिखते हैं।
- इनका व्यास 50,000 किलोमीटर तक हो सकता है।
- सौर धब्बों का सृजन सूर्य के चुंबकीय क्षेत्रों के परस्पर क्रिया से होता है।
क्या होता है फोटोस्फेयर?
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- जिस तरह पृथ्वी की वायुमंडल की अपनी परते हैं, उसी प्रकार सूर्य की परतों को फोटोस्फेयर कहा जाता है।