- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 12 जनवरी, 2018 को श्रीहरिकोटा स्थित सतीष धवन अंतरिक्ष केंद्र के प्रथम प्रक्षेपण केंद्र से 31 उपग्रहों को दो कक्षाओं में स्थापित किया।
- इन 31 उपग्रहों को ध्रुवीय पक्षेपण यान यानी पीएसएलवी-40 से प्रक्षेपित किया गया। पीएसएलवी की यह 42वीं उड़ान थी।
- जिन 31 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया गया उनमें प्राथमिक उपग्रह 710 किलोग्राम वजनी कार्टोसैट-2 श्रृंखला का चौथा उपग्रह था। यह सुदूर संवेदी उपग्रह है।
- जिन 31 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया गया उनमें 3 भारत के तथा शेष 28 उपग्रह छह देशों के थे। छह देशों के 28 उपग्रहों में 3 माइक्रोसैटेलाइट व 25 नैनोसैटेलाइट्स थे।
- पीएसएलवी-40 से प्रक्षेपित कार्टोसैट-2 श्रृंखला सहित माइक्रोसैट इसरो का 100वां उपग्रह है।
- कार्टोसैट-2ः 710 किलोग्राम वजनी यह सुदूर संवेदी उपग्रह पृथ्वी से 505 किलोमीटर दूर सूर्य तुल्यकालिक कक्षा में स्थापित किया गया है। इस उपग्रह की आयु 5 वर्ष है।
- माइक्रोसैटः पीएसएलवी-40 के साथ प्रक्षेपित 100 किलोग्राम वजनी भारतीय माइक्रोसैट का निर्माण इसरो ने किया है। इसका प्रक्षेपण प्रौद्योगिकी प्रदर्शन के दृष्टिकोण से किया गया।
- भारतीय नैनोसैटेलाइट-1सीः आईएनएस-1सी, 11 किलोग्राम वजनी यह एनएमएक्स-टीडी श्रेणी का उपग्रह है और इससे भेजा गया चित्र स्थलाकृतित्र मानचित्र में सहायक होगा।
- विदेशी उपग्रहः 28 प्रक्षेपित उपग्रहों में 19 संयुक्त राज्य अमेरिका के, 5 दक्षिण कोरिया के तथा यूके, कनाडा, फ्रांस व फिनलैंड के एक-एक उपग्रह प्रक्षेपित किये गये।
स्मरणीय तथ्य
- प्रक्षेपणः 31 उपग्रह (कार्टोसैट-2 श्रृंखला का चौथा उपग्रह सहित छह देशों के 28 उपग्रह)
- प्रक्षेपण यानः पीएसएलवी-40
- प्रक्षेपण तिथिः 12 जनवरी, 2018
- उपग्रहों का कुल वजनः 1323 किलोग्राम
- प्रक्षेपण केंद्रः सतीष धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश)