- विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई, 2018 को मनाया गया।
- इस वर्ष इस दिवस की थीम थी, ‘परिवार नियोजन मानवाधिकार है (Family Planning is a Human Right)’
- उल्लेखनीय है कि इस वर्ष, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार सम्मेलन 1968 की 50वीं वर्षगांठ है जिसमें पहली बार परिवार नियोजन को मानवाधिकार माना गया था।
- संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार परिवार नियोजन को मानवाधिकार मानने के नौ मानक हैं। ये नौ मानक निम्नलिखित हैंः
- कोई भेदभाव नहींः भाषा, जाति, क्षेत्र, लिंग, राष्ट्रीयता इत्यादि से परे परिवार नियोजन सेवाओं एवं सूचनाओं तक सभी की पहुंच
- उपलब्धताः प्रत्येक तक परिवार नियोजन सेवाओं की पहुंच
- पहुंचः प्रत्येक तक परिवार नियोजन सेवाओं की पहुंच
- स्वीकार्यः नसबंदी सेवाएं एवं सूचनाएं सम्मानजक तरीके से पहुंचाना
- अच्छी गुणवत्ताः परिवार नियोजन सूचना को स्पष्ट तरीके से संचारित करना
- सूचित निर्णयनः पूर्ण स्वायत्ता के साथ पुनःउत्पादक प्राथमिकताओं के लिए प्रत्येक व्यक्ति को सशक्त करना
- निजता एवं गोपनीयताः परिवार नियोजन सूचना एवं सेवा की मांग करते समय निजता एवं गोपनीयता का ध्यान रखना,
- भागीदारीः निर्णय से जो लोग प्रभावित हो रहे हैं उनमें उनकी भागीदारी
- जवाबदेहीः नीति निर्माताओं को लोगों के प्रति जवाबदेह होना
पृष्ठभूमि
- 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की शासकीय परिषद् ने जनसंख्या मुद्दों की महत्ता पर त्वरित विचार करने के लिए जनसंख्या दिवस मनाने का निर्णय किया।
- 11 जुलाई, 1987 को विश्व की आबादी पांच अरब हो गई थी। इसी के मद्देनजर 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है।