23 अक्टूबर 2020 को अन्तराष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस (International Snow Leopard Day) मनाया गया। हिमाचल प्रदेश में वन विभाग की वन्य जीव शाखा ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के सहयोग से चम्बा जिले की पांगी घाटी में किल्लर में हिम तेंदुआ दिवस मनाया।
- हिम तेंदुआ हिमाचल प्रदेश का राज्य पशु है। राज्य सरकार जनजातीय जिले लाहौल-स्पीती में गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से इन दुर्लभ जीवों के संरक्षण के लिए कार्य कर रही है।
- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री श्री बाबुल सुप्रियो ने वर्चुअल बैठक के दौरान एक सामुदायिक स्वयंसेवी कार्यक्रम ‘हिमाल संरक्षक‘ को लॉन्च किया और उसके बाद वन्यजीवों के अवैध व्यापार से निपटने के विषय पर आधारित एक ओरिगेमी नोटबुक का विमोचन किया ।
- भारत सरकार प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड (Project Snow Leopard-PSL) के माध्यम से हिम तेंदुए और उसके निवास स्थान का संरक्षण कर रही है। पीएसएल को 2009 में लॉन्च किया गया था।
- भारत 2013 से ग्लोबल स्नो लेपर्ड एंड इकोसिस्टम प्रोटेक्शन (जीएसएलईपी) कार्यक्रम में भी भागीदार रहा है।
- भारत ने तीन बड़े परिदृश्यों (snow leopard landscapes) की पहचान की है जो लद्दाख एवं हिमाचल प्रदेश में हेमिस- स्पिति, उत्तराखंड के गंगोत्री में नंदा देवी और सिक्किम एवं अरुणाचल प्रदेश में खंगचेंदजोंगा- तवांग हैं।
- भारत की भौगोलिक सीमा में पश्चिमी हिमालय का एक बड़ा हिस्सा शामिल है जिसमें जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्य शामिल हैं।
बिश्केक घोषणा
- 23 अक्टूबर, 2013 को, 12 देशों के नेता हिम तेंदुओं के संरक्षण पर “बिश्केक घोषणा” (Bishkek Declaration) का समर्थन करने के लिए एक साथ आए थे ।
- किर्गिस्तान, अफगानिस्तान, भूटान, चीन, भारत, कजाकिस्तान, मंगोलिया, नेपाल, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के प्रतिनिधि किर्गीज राजधानी बिश्केक में आयोजित ग्लोबल स्नो लेपर्ड फोरम में शामिल हुए थे, जिसका साझा लक्ष्य था हिम तेंदुओं और उनके नाजुक पर्यावास का संरक्षण।
- इस दिन एक व्यापक ग्लोबल स्नो लेपर्ड एंड इकोसिस्टम प्रोटेक्शन प्रोग्राम (Global Snow Leopard and Ecosystem Protection Programme : GSLEP) भी लॉन्च किया गया।
- इस बहुआयामी कार्यक्रम में हिम तेंदुआ रेंज वाले 12 देश शामिल हैं। इन देशों ने अपनी राष्ट्रीय प्राथमिकताएं निर्धारित की हैं और हिम तेंदुओं की व्यवहार्य आबादी के लिए उपयुक्त बड़े परिदृश्यों की पहचान की है।
- इस ऐतिहासिक तारीख और हिम तेंदुए के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल को मनाने के लिए, 23 अक्टूबर को “अंतर्राष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस” के रूप में मान्यता देने के लिए चुना गया ।
- भारत सरकार ने हिम तेंदुए की पहचान अत्यधिक ऊंचाई वाले हिमालयी क्षेत्र की एक प्रमुख प्रजाति के रूप में की है।
- केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2019 में नई दिल्ली में जीएसएलईपी कार्यक्रम की चौथी संचालन समिति की मेजबानी की। इस बैठक में मध्य एवं दक्षिण एशिया के पर्वतीय पारिस्थितिक तंत्रों के संरक्षण के लिए हिम तेंदुए की सीमा वाले देशों में समाधान को मजबूत करने के ‘नई दिल्ली स्टेटमेंट’ जारी किया गया था।
- हिम तेंदुए की आबादी के आकलन पर पिछले साल पहला राष्ट्रीय प्रोटोकॉल (First National Protocol) भी लॉन्च किया गया था जो उसकी आबादी की निगरानी के लिए बहुत उपयोगी रहा है।
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