भारत के विदेश मंत्रालय ने 1 फरवरी, 2018 को ‘अश्गाबत समझौता’ में भारत के शामिल होने की घोषणाा की। वैसे इस समझौता में भारत की सदस्यता 3 फरवरी, 2018 से लागू हुयी है।
- भारत के विदेश मंत्रालय के मुताबिक अश्गाबत समझौता के डिपॉजिटरी देश के रूप में तुर्कमेनिस्तान ने 1 फरवरी, 2018 को भारत को सूचना दी की इस समझौता के सभी चार संस्थापक देशों ने उसकी सदस्यता को मंजूरी दे दी है और भारत की सदस्यता 3 फरवरी, 2018 से लागू हुयी।
- ज्ञातव्य है कि भारत के केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलने के पश्चात इसकी सदस्यता बनने संबंधी ओवदन भारत ने अप्रैल 2016 में सौपा था।
क्या है अश्गाबत समझौताः
- यह समझौता तुर्कमेनिस्तान, ईरान, ओमान व उज्बेकिस्तान की सरकारों के बीच अंतरराष्ट्रीय ट्रांसपोर्ट व ट्रांजिट गलियारा की स्थापना से संबंधित है। यह मध्य एशिया व फारस की खाड़ी के बीच वस्तुओं की आवाजाही में सुविधा प्रदान करेगा।
- इस समझौता पर तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबत में 25 अप्रैल, 2011 को हस्ताक्षर हुआ था।
भारत को लाभः भारत को इस समझौता में शामिल होने से मध्य एशिया तक उसकी कनेक्टिविटी के विविध विकल्प मिलेंगे व क्षेत्रीय देशों के साथ भारत के व्यापार व वाणिज्यि संबंध मजबूत होंगे।