सूचकांकः 10वां पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक (Environment Performance Index 2018) 23 जनवरी, 2018 को विश्व आर्थिक मंच की दावोस वार्षिक बैठक में जारी किया गया। यह सूचकांक विश्व के 180 देशों को 10 पर्यावरणीय मुद्दे श्रेणियों के 24 संकेतकों में प्रदर्शन के आधार पर उनकी रैंकिंग तय करता है। इनमें पर्यावरणीय स्वास्थ्य से लेकर पारितंत्र की महत्ता तक को आधार बनाया जाता है।
किसनेः यह रिपोर्ट येले व कोलंबिया यूनिवर्सिटी द्वारा विश्व आर्थिक मंच के सहयोग से प्रति दो वर्ष पर जारी की जाती है।
भारत की रैंकिंगः विश्व के 180 देशों में भारत को 177वें स्थान पर रखा गया है जो विश्व के चार सबसे खराब प्रदर्शनों में शामिल है। भारत वर्ष 2016 के 141वें स्थान से भी खराब प्रदर्शन किया है। यहां तक कि पाकिस्तान (169) भी भारत से तुलनात्मक रूप से बेहतर है। इस रिपोर्ट के अनुसार भारत एचं चीन जैसे देशों की निम्न रैंकिंग दर्शाती है कि वहां बढ़ती आबादी व तीव्र आर्थिक विकास का पर्यावरण पर कितना दबाव है। हालांकि भारत ने मत्स्य भंडार स्थिति (22वीं रैंकिंग) व मीथेन उत्सर्जन गहनता (35वीं) में अच्छा प्रदर्शन किया है, परंतु पर्यावरणीय स्वास्थ्य में भारत विश्व में सबसे खराब प्रदर्शन (180) किया है। वायु प्रदूषण सूचकांक में भारत की 131वीं रैंकिंग है।
सर्वोच्च रैंकिंगः पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक में स्विटजरलैंड को सर्वोच्च रैंकिंग प्राप्त हुयी है जबकि फ्रांस व डेनमार्क क्रमशः दूसरे व तीसरे स्थान पर हैं।
सबसे खराब प्रदर्शनः सूचकांक में बुरूंडी, डीपीआर कांगो व नेपाल की रैंकिंग निम्नतम है।
10 पर्यावरण मुद्दे श्रेणियां व भारत
श्रेणी भारत की रैंकिंग
1. कृषि 125
2. वायु प्रदूषण 131
3. जैव विविधता व पर्यावास 139
4. जलवायु व ऊर्जा 120
5. मत्स्यन 53
6. वन 68
7. जल संसाधन 107
8. वायु गुणवत्ता 178
9. भारी धातु 175
9. जल व स्वच्छता 145
ओवरऑल रैंकिंग 177
विभिन्न देशों की रैंकिंग
रैंक देश
1 स्विटजरलैंड
2 फ्रांस
3 डेनमार्क
4 माल्टा
5 स्वीडन
20 जापान
27 यूएसए
120 चीन
177 भारत
180 बुरूंडी