विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum-WEF) ने दावोस में वार्षिक बैठक आरंभ होने से पहले 22 जनवरी, 2018 को ‘समावेशी विकास सूचकांक 2018’ (Inclusive Development Index 2018) जारी किया।
- इस सूचकांक में विश्व की 103 अर्थव्यवस्थाओं को तीन व्यक्तिगत स्तंभों; वृद्धि एवं विकास, समावेशन एवं अंतर पीढ़ीय इक्विटी पर मापा गया है। इन तीन स्तंभों से तात्पर्य है; रहन-सहन, पर्यावरण सततता तथा भावी कर्ज से भावी पीढ़ी की सुरक्षा।
- देशों को दो भागों में बांटा गया है: 29 विकसित देशों की अलग श्रेणी एवं 73 उदीयमान अर्थव्यवस्थाओं की श्रेणी।
- समावेशी विकास सूचकांक में 73 उदीयमान अर्थव्यवस्थाओं में भारत को 62वीं रैंकिंग प्रदान की गई है। भारत की रैंकिंग चीन (26) व पाकिस्तान (47) से भी नीचे है।
- हालांकि विगत वर्ष भी भारत, चीन व पाकिस्तान से नीचे ही था। विगत वर्ष भारत की रैंकिंग 60वीं थी, वहीं पाकिस्तान की रैंकिंग 52वीं थी।
- उदीयमान अर्थव्यवस्थाओं में सर्वोच्च पांच रैंकिंग लिथुआनिया, हंगरी, अजरबैजान, लातविया एवं पोलैंड को प्रदान की गई है।
- विकसित अर्थव्यवस्थाओं में सर्वोच्च रैंकिंग नॉर्वे को प्रदान की गई है।
- सभी देशों को पुनः पांच उप-श्रेणियों में बांटा गया है। ये पांच उप श्रेणियां हैं: घटता क्रम, धीमे से घटना, स्थिर, मंद गति से आगे बढ़ना, आगे बढ़ना (एडवांस)।
- निम्न स्कोर के बावजूद भारत को विश्व की 10 एडवांस्ड उदीयमान अर्थव्यवस्थाओं में रखा गया है।
विभिन्न श्रेणियों में भारत की रैंकिंग
ओवरऑलः 62वीं
समावेशनः 72वीं
ग्रोथः 66वीं
अंतर-पीढ़ी इक्विटीः 44वीं