- भारत ने एड्स, टीबी और मलेरिया की विश्व निधि (Global Fund for AIDS, TB and Malaria: GFTAM) में छठवें पुनःपूर्ति (6th replenishment cycle ) चक्र (2020-22) के लिए 22 मिलियन अमेरिकी डॉलर के योगदान की घोषणा की है। यह पांचवें चक्र भारत द्वारा किए गए योगदान की तुलना में 10 प्रतिशत का इजाफा है।
- भारत विश्व निधि में पुनःपूर्ति के मद्देनजर उसे लागू करने वाला पहला देश है। वह जी-20, ब्रिक्स और अन्य देशों में पहला ऐसा देश बन गया है, जिसने छठवें पुनःपूर्ति सम्मेलन में अपनी प्रतिबद्धता की घोषणा की है।
भारत और विश्व निधि के बीच साझेदारी
- भारत 2002 से प्राप्तकर्ता और दानकर्ता के रूप में विश्व निधि के साथ अपनी साझेदारी कायम रखे है। विश्व निधि में दो अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश है और उसने एचआईवी/एड्स, टीबी और मलेरिया के उन्मूलन का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण योगदान किया है।
- मौजूदा वित्तपोषण चक्र (2018-21) में विश्व निधि ने भारत को 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर का आवंटन किया है। दानदाता के रूप में भारत ने 2019 तक 46.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान किया, जिसमें पांचवीं पुनःपूर्ति के लिए 20 मिलियन अमेरिकी डॉलर शामिल हैं।