हाइड्रोक्सिक्लोरोक्विन (hydroxychloroquine) मलेरिया रोधी दवा है और भारत, वैश्विक मांग का 70 प्रतिशत उत्पादन करता है। इसे क्लोरोक्विन की तुलना में कम टॉक्सिक माना जाता है।
यह दवा रूमेटॉयड ऑर्थराइटिस (rheumatoid arthritis) एवं ल्युपस नामक क्रॉनिक ऑटोइम्युन रोगों के इलाज में भी देने की सलाह दी जा जाती है।
फ्रांस के मार्सेली स्थित एक चिकित्सक दिदियर राउल्ते ने कोविड-19 पैंडेमिक के इलाज में इस दवा के प्रभावी सिद्ध होने के संबंध एक अध्ययन प्रकाशित किया था। इसके बाद ही वैश्विक स्तर पर इसकी मांग बढ़ गयी।
बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी इस दवा को कोविड-19 के इलाज में प्रभावी बताया। यहां तक की कई समाचारपत्रें में यह खबर भी छपी कि यूएसएफडीए इस दवा की प्रभाविता का परीक्षण कर रहा है और उसे आरंभिक सफलता भी प्राप्त हुयी है।
भारत ने घरेलू मांग को देखते हुए इसके निर्यात पर मार्च 2020 के अंत में प्रतिबंध लगा दिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत द्वारा निर्यात पर प्रतिबंध लगाये जाने का बदला लेने की बात कही थी। दूसरी ओर ब्राजील ने भी इस दवा की मांग भारत से की थी। हालांकि भारत ने बाद में इसके निर्यात पर से प्रतिबंध हटा दिया।
भारत में इपका लैब इसे एचसीक्युएस, कैडिला हेल्थकेयर इसे जेडवाईक्यू नाम से बेचती है।