ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कहा है कि उनका प्रायोगिक कारोनावायरस टीका के आरंभिक परीक्षण में सैकड़ों लोगाें में प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित करने में सफल रहा है।
लांसेट नामक पत्रिका में 20 जुलाई, 2020 को प्रकाशित शोध के अनुसार इस टीका का नाम है ChAdOx1 nCoV-19 और इस टीका ने परीक्षण में शामिल 18 से 55 वर्ष के लोगों में दोहरा प्रतिरक्षी प्रत्युत्तर सृजित करने में कामयाब रहा जो कम से कम दो महीनों तक बना रहा।
उल्लेखनीय है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी एवं ब्रिटिश दवा निर्माता एस्ट्राजेनेसिया पीएसलसी द्वारा इस टीका का विकास किया गया है।
इस टीका का निर्माण चिंपाजी में आम सर्दियों के लिए उत्तरदायी आनुवंशिकी अभियांत्रिकी (जीई) वायरस से किया गया है।
इस वायरस को अत्यधिक संवर्द्धित किया गया है ताकि यह लोगों में संक्रमण का कारण नहीं बने तथा यह कोरोनावायरस की तरह दिखे।
वैज्ञानिकों ने कोरोनावायरस की स्पाइक प्रोटीन, जो मानव कोशिकाओं पर हमला करने वाला मुख्य साधन है, से आनुवंशिक सूचनाएं प्राप्त कर उपर्युक्त कार्य को अंजाम दिया।
उपर्युक्त टीका की बदौलत मानव में सार्स-सीओवी-2 स्पाइक के खिलाफ विशेषीकृत टी-सेल प्रत्युत्तर उत्पन्न हुआ। टी-सेल वस्तुतः किसी वायरस हमले के प्रति प्रतिरक्षी प्रत्युत्तर है।
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