प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 अगस्त 2020 को चेन्नई और अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह के बीच 2313 किलोमीटर लंबे समुद्र के नीचे बिछाये गये ऑप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क ( submarine Optical Fibre Cable: OFC) का शुभारंभ किया।
इस परियोजना से द्वीप समूह में पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा।
चेन्नई और पोर्टब्लेयर के बीच समुद्र के नीचे 2313 किलामीटर लंबी इस केबल परियोजना पर 12 अरब 24 करोड़ रुपये की लागत आई है।
इससे पोर्टब्लेयर के अलावा स्वराज द्वीप, लिटिल अंडमान, कार निकोबार, कमोर्टा, ग्रेट निकोबार, लॉंग आइलैंड और रांगत भी जुडेंगे।
इससे अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में टेलीमेडिसिन, टेलीशिक्षा, टेलीस्वास्थ्य, ई-प्रशासन जैसी- डिजिटल सेवाओं और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
उपग्रह सम्पर्क के कारण द्वीपसमूह में बहुत सीमित बैंड़विडथ उपलब्ध थी। लेकिन अब इसकी गति लगभग सौ गुना बढ़ जायेगी। इससे द्वीपवासियों की हाई स्पीड इंटरनेट की आवश्यकता आसानी से पूरी होगी। आप्टिकल फाइबर केबल से यूजर हर महीने अधिकतम 15 सौ जी बी डाटा डाउन लोड कर सकते हैं।