Image credit: ITER
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 29 जुलाई, 2020 को अंतरराष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (International Thermonuclear Experimental Reactor-ITER), आईटीईआर को एसेम्बली आरंभ करने के लिए बधाई दी।
आईटीईआर संगठन फ्रांस के संत-पॉल-लेज ड्युरेंस में आईटीईआर टोकामाक एसेम्बली आरंभ किया।
मुख्य तथ्य
एसेंबली चरण पूरा हो जाने के पश्चात यह संयंत्र संलयन ऊर्जा (fusion) के लिए आवश्यक सुपर हॉट प्लाज्मा का उत्पादन आरंभ कर देगा।
सबसे बड़ा टोकामाक: 23.5 अरब डॉलर वाला आईटीईआर केंद्र विश्व का सबसे बड़ा टोकामाक (ITER Tokamak) है। टोकामाक एक संलयन उपकरण है जिसे उसी सिद्धांत पर संलयन पद्धति से स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन करने हेतु डिजाइन किया गया है जिस सिद्धांत पर सूर्य एवं तारों को ऊर्जा प्राप्त होती है।
नाभिकीय विखंडन एवं संलयनः (Fission and Fusion) वर्तमान में परमाणु ऊर्जा नाभिकीय विखंडन के सिद्धांत पर आधारित है जिसमें भारी तत्वों को हल्का बनाने हेतु विभाजित किया जाता है। वहीं नाभिकीय संलयन में दो हल्के तत्वों को जोड़कर भारी बनाया जाता है।
संलयन स्वच्छ एवं असीमित ऊर्जा का स्रोत हो सकता है जो जलवायु संकट का समाधान भी कर सकती है।
आईटीईआर परियोजनाः यह विश्व के 35 देशों की संयुक्त परियोजना है जिनमें भारत, चीन, जापान, यूरोपीय संघ, दक्षिण कोरिया, रूस एवं यूएसए शामिल हैं। सभी देशों परियोजना लागत को साझा किया है।
500 मेगावाटः आईटीईआर टोकामाक 50 मेगावाट के इनपुट उष्मा शक्ति से 500 मेगावाट ऊर्जा उत्पन्न करेगा अर्थात विशुद्ध 450 मेगावाट ऊर्जा। अब तक सर्वाधिक टोकामाक रिकॉर्ड यूरोपीय टोकामाक जेईटी के नाम है जिसने 1997 में 24 मेगावाट के इनपुट उष्मा शक्ति से 16 मेगावाट ऊर्जा उत्पन्न किया अर्थात इनपुट से कम ऊर्जा उत्पादन।
कई मामलों में पहलाः आईटीईआर विशुद्ध ऊर्जा उत्पन्न करने वाला प्रथम संयंत्र होगा, दीर्घावधि तक संलयन को जारी रखने वाला प्रथम संयंत्र होगा तथा समन्वित प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल करने वाला भी यह पहला संलयन संयंत्र होगा।
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