गिरीश चंद्र मुर्मू -भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक

श्री गिरीश चंद्र मुर्मू ने 8 अगस्त 2020 को भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor-General) के रूप में पदभार संभाल लिया। राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने आज सुबह राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में श्री मुर्मू को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

वह गुजरात कैडर (1985 बैच) के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं। श्री मुर्मू की नियुक्ति श्री राजीव महर्षि के स्‍थान पर हुई है जिन्‍होंने 7 अगस्त 2020 को अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया।

इससे पहले श्री मुर्मू केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल थे.

जम्मू-कश्मीर जाने से पहले श्री मुर्मू ने व्यय विभाग में संयुक्त सचिव, वित्तीय सेवा विभाग एवं राजस्व विभाग में अपर सचिव और फिर विशेष सचिव तथा इसके बाद व्यय विभाग में पूर्णकालिक सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दी थीं। दिल्ली में अपने कार्यकाल से पहले श्री मुर्मू ने गुजरात सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उन्‍हें प्रशासनिक, आर्थिक और अवसंरचना क्षेत्रों में कामकाज का व्यापक अनुभव है।

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक

भारत के संविधान के अनुच्छेद 148 के अनुसार, भारत का एक नियंत्रक और महालेखा परीक्षक होगा जिसे राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाएगा।

कैग को छह साल की अवधि के लिए या जब तक कि 65 वर्ष की आयु नहीं हो जाती, जो भी पहले हो, नियुक्त किया जाता है ।

नियंत्रक और महालेखा परीक्षक पद छोड़ने के बाद भारत सरकार के अधीन या किसी भी राज्य की सरकार के तहत किसी पद के लिए पात्र नहीं होगा।

नियंत्रक और महालेखा परीक्षक का वेतन और सेवा तथा अन्य शर्तें ऐसी होंगी जो संसद द्वारा कानून द्वारा निर्धारित की जा सकती हैं और जब तक वे निर्धारित नहीं होती हैं, तब तक दूसरी अनुसूची में निर्दिष्ट की जाएंगी।

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के कार्यालय का प्रशासनिक व्यय जिसमे सेवारत व्यक्तियों को देय सभी वेतन, भत्ते और पेंशन भारत की संचित निधि पर भारित होगा ।

Written by 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *