- अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक्सरे में संपूर्ण आकाश का मानचित्र जारी किया है जिसे नासा के ही ‘न्यूट्रॉन स्टार इंटेरियर कंपोजिशन एक्सप्लोरर’ (Neutron star Interior Composition Explorer: NICER) में रिकॉर्ड किया गया है। यह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर एक पेलोड है।
- एनआईसीईआर (NICER) का प्राथमिक विज्ञान लक्ष्य स्टेशन द्वारा प्रत्येक 93 मिनट पर पृथ्वी के चक्कर लगाने के क्रम में कॉस्मिक स्रोतों का पता लगाना एवं उन्हें लक्षित करना है।
- इस मानचित्र में एनआईसीईआर के प्रथम 22 महीनों के वैज्ञानिक ऑपरेशन का डेटा भी शामिल हैं।
- एनआईसीईआर का प्राथमिक उद्देश्य मृत तारों, जिन्हें न्यूट्रॉन तारा कहा जाता है, के अवशेष के घनत्व का आकार का पता लगाना है जिनमें से कुछ को हम पल्सर के रूप में देखते हैं।
न्यूट्रॉन तारों का निर्माण कब होता है?
- न्यूट्रॉन तारों (Neutron stars) का तब निर्माण होता है जब विशाल तारा अपना ईंधन खो देता है और नष्ट हो जाता है। इस तारा का मध्य हिस्सा, जिसे कोर कहा जाता है, ढ़ह जाता है और प्रोटोन तथा इलेक्ट्रॉन, न्यूट्रॉन में समा जाता है। इसके पश्चात अति सघन वस्तु रह जाता है।
क्या होता है पल्सर?
- अधिकांश न्यूट्रॉन स्टार पल्सर के रूप में देखा जाता है। वस्तुतः चक्कर लगाता न्यूट्रॉन स्टार ही पल्सर है जिनमें नियमित अंतराल पर विकिरण का पल्सर देखा जाता है। आकाश में इसे लाइटहाउस भी कहा जाता है।