- अमेरिका में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के 9/11 आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों की पहचान के लिए वैज्ञानिकों ने डीएनए विश्लेषण तकनीक अपनाया है। इस तकनीक को ‘वर्ल्ड ट्रेड सेंटर प्रोटोकॉल’ (World Trade Center Protocol) नाम दिया गया है।
- ज्ञातव्य है न्यूयार्क स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दोहरे टॉवर पर 11 सितंबर, 2001 को दो विमानों से आतंकवादी हमला किया गया था। इसमें 2753 लोग मारे गए थे परंतु इनमें से 1000 से अधिक लोगों की पहचान नहीं हो पाई। वैज्ञानिकों ने नई तकनीक से इनमें से कई लोगों की पहचान सुनिश्चित करने में सफलता प्राप्त की है।
- इस नई तकनीक से अर्जेंटीना, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका एवं कई अन्य जगहों पर ट्रेन या विमान दुर्घटना अथवा आतंकवादी हमले के शिकार लोगों के शव की पहचान में मदद मिली है।
- नई तकनीक में दुर्घटना स्थल से प्राप्त अस्थि खंडों की जांच की जाती है। इसमें प्राप्त हड्डियों की सफाई की जाती है, पाउडर में रखी जाती है, उसमें रसायन मिलाया जाता है, नमूना को इनक्युबेट किया जाता है फिर इसे एक बड़ा स्व-निष्कर्षन मशीन में रखा जाता है जो क्षतिग्रस्त सामग्रियों में से निकाले जा सकने लायक डीएनए सूचनाओं को प्राप्त कर लेता है। मशीन में हड्डी को द्रव नाइट्रोजन चेंबर में रखा जाता है जो इसे और कमजोर बना देता है। इससे हड्डी को पाउडर में बदलने में सहायता मिलती है।