- नासा के एमेस शोध केंद्र तथा सेती इंस्टीट्यूट एवं यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं की एक टीम ने नेपच्यून ग्रह के एक चंद्रमा की खोज की है। इसे यूनानी मिथकीय समुद्री जानवर के नाम पर ‘हिप्पोकैंप’ (Hippocamp) नाम दिया गया है।
- नासा के हब्बल टेलीस्कोप से इसे 2004-05, 2009 में प्रेक्षण किया गया था। 2016 में लिए गए चित्र से फिर से इसकी पुष्टि की गई। तब इसे एस/2004 एन1नाम दिया गया था।
- हिप्पोकैंप केवल 24 किलोमीटर चौड़ा है और नेपच्यून के अन्य चंद्रमा प्रोटियस, जो इसका दूसरा सबसे बड़ा चंद्रमा है, के महज 12000 किलोमीटर भीतर घूर्णन करता है।
- यह नेपच्यून का 14वां चंद्रमा है। इसके अन्य 13 चंद्रमा हैंः ट्रिटॉन, डेस्प्लाना, गालाटी, हालमेड, हिप्पोकैंप, लाओमेडेला, लार्लस्सा, नलाड, नेरेल्ड, नेसो, प्रोटियस, पसामेथी, साओ, थलासा।
- इनमें ट्रिटॉन सबसे बड़ा है। डच-अमेरिकी गेरार्ड काइपर (जिनके नाम पर अंतरित में काइपर बेल्ट है) ने इसका तीसरा सबसे बड़ा चंद्रमा नेरेल्ड की खोज की थी।
- उल्लेखनीय है कि नेपच्यून समुद्र का देवता है इसलिए इसके सभी उपग्रहों का नामकरण यूनानी एवं रोमन जल देवताओं के नाम पर रखे जाने की परंपरा है।