इसरो ने 27 नवंबर, 2019 को पीएसएलवी-सी47 से कार्टोसैट-3 तथा अमेरिका के 13 नैनोसैटेलाइट को सतीष धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया।
प्रक्षेपण के पश्चात कार्टोसैट को 509 किलोमीटर के सूर्य तुल्यकालिक कक्षा में स्थापित किया गया।
इसरो के ध्रुवीय प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) की यह 49वीं उड़ान थी। साथ ही पीएसएलवी-एक्सएल श्रेणी में यह 21वीं उड़ान थी।
कार्टोसैट-3, जिसकी मिशन अवधि 3 से 5 साल है एक भू-प्रेक्षण उपग्रह है। बड़े स्तर पर शहरी नियोजन, ग्रामीण संसाधन व आधारसंरचना विकास, तटीय भू-उपयोग में इस उपग्रह के डेटा का इस्तेमाल किया जाएगा।
इसरो के अध्यक्ष के- सिवन के अनुसार कार्टोसैट-3 इसरो द्वारार विकसित सर्वाधिक जटिल एवं अत्याधुनिक भू-प्रेक्षण उपग्रह है।