- नासा का ‘अपरच्यूनिटी’ (Opportunity) मंगल मिशन 15 वर्षों की सेवा के पश्चात समाप्त घोषित कर दिया गया।
- मंगल ग्रह पर धूल भरी आंधी की चपेट में आने के पश्चात जून 2018 में ही यह काम करना बंद कर दिया गया। तब से इसे पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा था परंतु वैज्ञानिकों को इसमेें सफलता नहीं मिली। सौर चालित इस रोवर से अंतिम बार 10 जून, 2018 को संदेश प्राप्त हुआ था। इसका अंतिम संदेश था ‘मेरी बैटरी कम है और यह अंधकारमय होता जा रहा है।’
- इस रोवर की डिजाइन 90 90 मंगल दिवस के लिए 1100 यार्ड (1000 मीटर) का सफर तय करने के लिए हुआ था, परंतु यह 15 वर्षों तक स्वर्णीम सेवा देता रहा और 15 मिलोमीटर (28 मील) की दूरी तय की।
- जिस जगह पर यह अपरच्यूनिटी रोवर अंतिम समय मौजूद था, उसका नाम है, ‘परसेवीरेंस वैली’ (Perseverance Valley) ।
अपरच्यूनिटी मिशन
- अपरच्यूनिटी रोवर को 7 जुलाई, 2003 को फ्लोरिडा के केप कैनेवेरल एयरफोर्स स्टेशन से प्रक्षेपित किया गया था और सात माह पश्चात 24 जनवरी, 2004 को यह मंगल ग्रह के मेरिडियानी प्लैनम (Meridiani Planum) क्षेत्र में उतरा।
- इसका जुड़वा रोवर ‘स्पिरिट’ (Spirit) 20 दिन पहले मंगल ग्रह के दूसरी ओर गुसेव क्रेेटर (Gusev Crater) पर उतरा था। स्पिरिट की सेवा 2011 में समाप्त हो गई थी।
अपरच्यूनिटी मिशन की उपलब्धियां
अपरच्यूनिटी रोवर की प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैंः
- 20 मार्च, 2005 को इसने 721 फीट (220 मीटर) का सफल तय कर एक दिन में मंगल पर सर्वाधिक दूरी तय करने का रिकॉर्ड बनाया।
- इसने 15 वर्षों में 217,000 चित्र भेजे जिनमें 15360 रंगीन पैनोेरमा भी शामिल हैं।
- 52 चट्टानों की धरातल का अध्ययन किया जिससे ताजे खनिज धरातलों की पहचान हो सकी।
- जिस जगह पर यह उतरा वहां हेमेटाइट (hematite) खनिज की खोज की। यह खनिज जल में निर्मित होता है।
- इंडेवर क्रेटर (Endeavour Crater) में इसने प्राचीन काल में पानी होने के प्रमाण खोजे। यह पानी पृथ्वी पर तालाब या झील के पानी जैसा था।
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