- भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स सहित नौ अंतरिक्षयात्रियों को अमेरिकी एजेंसी नासा ने वर्ष 2019 के लिए वाणिज्यिक रॉकेट और अंतरिक्ष यान के पहले मिशन (first commercial spacecraft made by Boeing and SpaceX ) के लिए चुना है।
- एजेंसी द्वारा ‘लांच अमेरिका कार्यक्रम’ में कमर्शियल अंतरिक्ष वाहन के पहले मिशन के चालक दलों की घोषणा की गयी । जिन लोगों को चुना गया है उनमें से आठ नासा के सक्रिय और एक पूर्व अंतरिक्ष यात्री हैं।
- वर्ष 2019 की शुरुआत में द बोइंग कंपनी के सीएसटी-100 स्टारलाइनर (CST-100 Starliner) और एलॉन मस्क की स्पेस एक्स के ड्रैगन कैप्सूल (Crew Dragon) पर इन अंतरिक्षयात्रियों को अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भेजा जाएगा।
- स्पेश-एक्स के क्रू ड्रैगन को फाल्कन यान से प्रक्षेपित किया जाएगाा वहीं बोईंग के सीएसटी-100 स्टारलाइनर को एटलस-5 रॉकेट से प्रक्षेपित किया जाएगा।
- नासा के अंतिम स्पेश शटल मिशन ‘अटलांटिस’ को 8 जुलाई, 2011 को प्रक्षेपित किया गया था।
वर्ष 2011 में नासा के स्पेस शटल प्रोग्राम खत्म होने के बाद अमेरिका का चालक दल के साथ पहला मिशन है।
नासा का स्पेस शटल प्रोग्राम खत्म होने के बाद नासा के यात्रियों को रूस के सोयुज अंतरिक्ष यान से रवाना किया जाता था। - सुनीता विलियम्स, जोश कसाडा, रॉबर्ट बेहंकेन, डगलस हुरले, इरिक बोइ, निकोल मान, विक्टोर ग्लोवर, क्रिस्टोफर फेरगुसन और माइकल हॉपकिंस को पहले कमर्शियल अंतरिक्ष यान मिशन के लिए चुना गया है। जोश कसाडा का यह पहला अंतरिक्ष मिशन है।
- स्पेस एक्स के पहले मिशन पर नासा के रॉबर्ट बेहंकेन (48) और डगलस हुरले (51) होंगे।
- सुनीता विलियम्स (52) व जोश कसाडा (45) स्टारलाइनर मिशन पर उड़ान भरेंगी।
- बोइंग और स्पेस एक्स के अंतरिक्ष यान का मिशन सफल होने पर ऐसे देश जिनके पास अपना अंतरिक्ष यान या रॉकेट नहीं है वह भी अंतरिक्ष यात्रियों को आइएसएस भेज सकेंगे।
- सुनीता विलियम्स इससे पहले दो मिशन के दौरान अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आइएसएस) में 322 दिन बिता चुकी हैं। उनका दूसरा मिशन 2012 में खत्म हुआ था। वे पहली बार 1988 में अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के लिए उड़ान भरी थीं।