- अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ‘नासा’ 12 अगस्त, 2018 को ‘पार्कर सोलर प्रोब’ (Parker Solar Probe) मिशन को प्रक्षेपित किया। यह मिशन सूर्य के कोरोना में पहुंचने से पूर्व शुक्र ग्रह का चक्कर लगाएगा।
- यह मिशन नासा के ‘लिविंग विद स्टार कार्यक्रम’ (Living with a Star program) का हिस्सा है जिसका उद्देश्य सूर्य-पृथ्वी प्रणाली की उन पहलुओं का अन्वेषण है जो जीवन एवं समाज को प्रत्यक्ष तौर पर प्रभावित करती है।
- इसे फ्लोरिडा के केप केनवेरेल प्रक्षेपण केंद्र से डेल्टा-4 हेवी (United Launch Alliance Delta IV Heavy) से प्रक्षेपित किया गया।
- सूर्य का 24 चक्कर लगाने में यह रिकॉर्ड 430,000 मील प्रति सेकेंड की गति तक को छुएगाा जो कि मानव द्वारा निर्मित किसी उपकरण की सर्वाधिक गति होगी।
- यह मिशन सूर्य के कोरोना में पहुंचने से पूर्व शुक्र ग्रह का चक्कर लगाएगा।
- सोलर प्रोब अगले सात वर्षों तक सूर्य के कोरोना में 24 बार सूर्य का चक्कर लगाएगा तथा अन्य उद्देश्यों के अलावा सूर्य के कोरोना (Corona) के रहस्य का भी पता लगाएगा। कोरोना सूर्य के वायुमंडल का बाहरी परत है जो दिखाई नहीं देता। सूर्य के दृश्य धरातल का तापमान जहां लगभग 10,000 फॉरेनहाइइट है वहीं इसकी तुलना में कोरोना का तापमान उससे कहीं 100 गुणा से भी अधिक गर्म है। यह रहस्य अभी तक अनसुलझा है। सोलर प्रोब इस रहस्य पर से भी पर्दा उठाएगा।
- हालांकि इसका प्रमुख उद्देश्य सौर पवन का अध्ययन है जो कि आवेशित कण की बौछार है जो कि हमारे पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में व्यवधान पैदा करता है। उत्तरी ध्रुव दिखाई देने वाला ऑरोरा भी इसी सौल पवन की देन है।
- इस मिशन का तीसरा उद्देश्य सूर्य के ऊर्जावान कणों के त्वरण के पीछे के तंत्र को समझना है।
- पार्कर सोलर प्रोब का आकार छोटे कार जैसा है।
- इस मिशन की लागत 1.5 अरब डॉलर है।
- यह मिशन सूर्य के सर्वाधिक करीब जाएगा, यहां तक कि जर्मन मिशन हिलियस से भी नजदीक।
- पार्कर सोलर प्रोब की सूर्य से निकटतम दूरी 6.1 मिलियन किलोमीटर (61 लाख किलोमीटर) या 3.8 मिलियन मील होगी।
- पार्कर सोलर प्रोब का नामकरण खगोलशास्त्री यूजीन न्यूमैन पार्कर के नाम पर रखा गया है।
- पार्कर ने ही 1950 के दशक में सर्वप्रथम सौर पवन का सिद्धांत रखा था।