नवगठित प्रधानमंत्री विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार सलाहकार परिषद् (Prime Minister’s Science, Technology and Innovation Advisory Council: STIAC) की 10 अक्टूबर, 2018 को हुई पहली बैठक में भारतीयों के बड़े समूह का जीन अनुक्रमण (sequence the genes) करने का निर्णय लिया गया, जैसा कि चीन, यूके, जापान एवं आस्ट्रेलिया ने किया है।
- भारत के जीन अनुक्रमण परियोजना से स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग को भी जोड़ा जाएगा।
- उल्लेखनीय है केंद्रीय वैज्ञानिक व औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर) ने 2009 में एक भारतीय का जीनोम अनुक्रमण तैयार करने की घोषणा की थी। उसे समय ऐसा करने वाला भारत छठा देश था।
- बीमारी की संभाव्यता के लिए कई भारतीयों के जीन का कई शोध प्रयोगशालाओं ने विश्लेषण जरूर किया है परंतु ऐसा कोई भी संग्रह मौजूद नहीं है जो भारतीय आबादी को काकेशियन या अफ्रीकी आबादी से भिन्न कर सके।
- नेशनल टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी सिंगापुर के नेतृत्व वाली ‘100के जीनोमएशिया’ परियोजना (100k GenomeAsia project) से भारतीय वैज्ञानिकों का एक दल व कंपनियां जुड़ी हुई है। इसका लक्ष्य 100,000 एशियाई लोगों, जिनमें 50,000 भारतीय हैं का पूर्ण जीनोम अनुक्रमण करना है।
- विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार सलाहकार परिषद् के अनुसार हमारी जीवन शैली, हमारा पर्यावरण व जीन जो हमें विरासत में मिलती है वो सभी संगठित होकर हमें बनाता है। भारतीयों की विविधता व हमारा पर्यावरण बड़े पैमाने पर मानव जीनोम के अध्ययन की मांग करता है।
- आलोच्य परिषद् के अध्यक्ष व प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के- विजय राघवन के अनुसार भारत में जीनोम अध्ययन पहल दो स्तरों पर आगे बढ़ेगीः जीनोम अनुक्रमण तथा शोध पहल के रूप में मानव स्वास्थ्य व रोग का संपर्क।
‘प्रधानमंत्री विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार सलाहकार परिषद्’
- केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री एवं कैबिनेट के दो वैज्ञानिक सलाहकार समितियों को भंग कर ‘प्रधानमंत्री विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार सलाहकार परिषद्’ (Prime Minister’s Science, Technology and Innovation Advisory Council: PM-STIAC) का गठन किया गया है।
- इस परिषद् के नौ सदस्य हैं। ये नौ सदस्य अग्रलिखित हैंः वी.के.सारस्वत (डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख), ए.एस.किरण कुमार (इसरो के पूर्व अध्यक्ष), प्रो. अजय कुमार सूद (भारतीय विज्ञान संस्थान बंगलुरू के प्रोफेसर), मेजर जनरल माधुरी-कानितकर (एएफएमसी डीन), प्रो. संघमित्र बंदोपाध्याय (भारतीय सांख्यिकी संस्थान के निदेशक), सुभाष काक (ओक्लाहोमा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर), मंजुल भार्गव (प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर), बाबा कल्याणी (एमडी भारत फोर्ज)।
- इस परिषद् में औद्योगिकी क्षेत्र के एकमात्र प्रतिनिधि बाबा कल्याणी हैं। पूर्ववर्ती समितियों में उद्योग जगत के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में शामिल होते थे।
- इस परिषद् की अध्यक्षता करते हैं सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. के. विजय राघवन।
- विभिन्न वैज्ञानिक मंत्रलयों (शिक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य) के सचिव इस परिषद् की बैठकों में विशेष आमंत्रण के रूप में शामिल होते हैं।